मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का विस्तार
गृह मंत्री संसद के चालू मानसून सत्र के दौरान मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को अतिरिक्त छह महीने के लिए बढ़ाने के लिए राज्यसभा में एक वैधानिक प्रस्ताव पेश करने वाले हैं।
पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति
- यह प्रस्ताव 24 जुलाई, 2025 को चर्चा के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन बिहार में मतदाता सूची संशोधन के संबंध में विपक्ष के विरोध के कारण सत्र स्थगित कर दिया गया।
- 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी, 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
- यह विस्तार संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार है, जो राष्ट्रपति शासन को हर छह महीने में संसदीय अनुमोदन के साथ तीन साल तक जारी रखने की अनुमति देता है।
विस्तार के कारण
- राष्ट्रीय राजमार्गों को पुनः खोलने तथा चोरी हुए पुलिस हथियारों की बरामदगी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
- 3 मई, 2023 से कुकी-ज़ो और मैतेई समुदायों के बीच नृजातीय हिंसा के कारण महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न हो गया है।
- संघर्ष के कारण लगभग 250 लोग मारे गए हैं तथा 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
- इम्फाल घाटी को नागालैंड और असम से जोड़ने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 2 और एनएच 37, मैतेई आबादी के लिए दुर्गम रहे हैं।
- हिंसा के दौरान 6,000 से अधिक पुलिस हथियार लूटे जाने की खबर है।