भारत सेमीकंडक्टर मिशन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार नए सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण संयंत्रों को मंजूरी दे दी है। ये संयंत्र भारत में चिप निर्माण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से व्यापक भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा हैं।
संयंत्र की अवस्थिति और विवरण
- ओडिशा में दो संयंत्र:
- SiCSem प्राइवेट लिमिटेड सिलिकॉन कार्बाइड आधारित डायोड और MOSFETs के लिए ATMP सुविधा स्थापित करेगी, जिसकी अनुमानित क्षमता प्रति वर्ष 96 मिलियन चिप्स होगी।
- 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक. इंटेल, लॉकहीड मार्टिन आदि के निवेश से एक और ATMP प्लांट स्थापित कर रही है, जिसकी क्षमता 50 मिलियन चिप्स प्रति वर्ष होगी।
- आंध्र प्रदेश में एक संयंत्र:
- एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज (ASIP), दक्षिण कोरिया की APACT कंपनी लिमिटेड के साथ तकनीकी साझेदारी के माध्यम से एक सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी। इस इकाई की वार्षिक उत्पादन क्षमता 96 मिलियन यूनिट है, जो मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स और ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पादों पर केंद्रित होगी।
- पंजाब में एक संयंत्र:
- कॉन्टिनेंटल डिवाइस (CDIL) मोहाली में एक असतत अर्धचालक विनिर्माण सुविधा का विस्तार करेगी, जहां MOSFETs, IGBTs, और शॉटकी बाईपास डायोड जैसे उच्च-शक्ति उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा, जिसकी वार्षिक क्षमता 158.38 मिलियन यूनिट होगी।
सामरिक महत्व
- ये नए स्थान चिप निर्माण को गुजरात से परे भौगोलिक विविधतापूर्ण बनाते हैं, जहां 10 में से चार संयंत्रों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी थी।
- इससे पहले, सरकार ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत छह चिप संयंत्रों को आकर्षित किया था।
भविष्य की योजनाएं
अगस्त 2024 में, भारत सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण के लिए 15 अरब डॉलर का एक खाका प्रस्तुत किया गया था, जिसमें चिप निर्माण के लिए कच्चे माल और गैसों हेतु पूंजीगत सहायता पर ध्यान केंद्रित किया गया था। पहली भारत निर्मित चिप इस वर्ष के अंत तक आने की उम्मीद है।