PM स्वनिधि योजना का पुनर्गठन और विस्तार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (PM स्वनिधि) योजना के पुनर्गठन और विस्तार को मंज़ूरी दे दी है। यह योजना अब 31 मार्च, 2030 तक लागू रहेगी और इसका कुल वित्तीय परिव्यय ₹7,332 करोड़ होगा।
ऋण प्रावधान
- प्रथम किश्त ऋण सीमा ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000 कर दी गई।
- दूसरी किश्त ₹20,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई।
- तीसरी किश्त 50,000 रुपये की बनी हुई है।
अतिरिक्त लाभ
- समय पर अपना दूसरा ऋण चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स व्यवसायिक और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए UPI-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड के लिए पात्र होंगे।
- खुदरा और थोक लेनदेन पर डिजिटल भुगतान के लिए 1,600 रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
योजना के उद्देश्य और प्रबंधन
- इसका लक्ष्य 11.5 मिलियन लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है, जिनमें 5 मिलियन नए स्ट्रीट वेंडर शामिल हैं।
- आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के साथ मिलकर इस योजना का संचालन करेगा, तथा बैंकों के माध्यम से ऋण और क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करेगा।
- उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल कौशल और विपणन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए FSSAI के साथ स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा पर सहयोगात्मक प्रशिक्षण आयोजित होगा।
पृष्ठभूमि और उपलब्धियां
- कोविड-19 महामारी से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता प्रदान करने के लिए 1 जून, 2020 को PM स्वनिधि योजना शुरू की गई थी।
- इसने वित्तीय सहायता प्रदान की है और स्ट्रीट वेंडर्स के आर्थिक योगदान को मान्यता दी है।