पी.एम. स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पी.एम. स्वनिधि) योजना {PM STREET VENDORS ATMANIRBHAR NIDHI (PM SVANIDHI) SCHEME}
Posted 04 Oct 2025
Updated 10 Oct 2025
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Article Summary
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मंत्रिमंडल ने स्ट्रीट वेंडरों को अधिक ऋण किस्तों, डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन, प्रशिक्षण और सतत विकास के लिए विस्तारित कवरेज के साथ समर्थन देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार और पुनर्गठन को मंजूरी दी।
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में, कैबिनेट ने पी.एम. स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANIDHI) योजना के पुनर्गठन और ऋण अवधि (2024 से आगे) के विस्तार को मंजूरी दी है।
उद्देश्य
मुख्य विशेषताएं
रेहड़ी-पटरी (स्ट्रीट वेंडर्स) लगाने वालों का समग्र विकास करना, ताकि उन्हें विश्वसनीय स्रोत से वित्तीय सहायता मिल सके, जिससे वे अपना कारोबार बढ़ा सकें और लंबे समय तक स्थिर आर्थिक विकास के अवसर प्राप्त कर सकें।
कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) के लिए ऋण उपलब्ध कराना।
रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वित्तीय समावेशन, डिजिटल भुगतान और पहचान/ मान्यता को बढ़ावा देना।
पृष्ठभूमि: यह योजना वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।
प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक की योजना (Central Sector Scheme)
मंत्रालय: आवास और शहरी कार्य मंत्रालय
कार्यान्वयन: यह योजना आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) तथा वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services: DFS) द्वारा संयुक्त रूप से लागू की जाती है।
DFS की जिम्मेदारी है कि वह बैंकों/ वित्तीय संस्थानों और उनके स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से ऋण या क्रेडिट कार्ड तक पहुँच सुनिश्चित करे।
कुल परिव्यय: 7,332 करोड़ रुपये
लक्षित लाभार्थी: वे शहरी क्षेत्र के रेहड़ी-पटरी (स्ट्रीट वेंडर्स) लगाने वाले विक्रेता, जो 24 मार्च 2020 या उससेपहले विक्रय कार्य में लगे हुए थे।
पुनर्गठित योजना का उद्देश्य 50 लाख नए लाभार्थियों सहित 1.15 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित करना है।
मुख्य लाभ:
कार्यशील पूंजी (Working Capital) पर 7% की ब्याज सब्सिडी।
समय पर या अग्रिम ऋण भुगतान करने पर अधिक ऋण की पात्रता (Higher Loan Eligibility) प्राप्त होगी।
नई विशेषताएँ:
कार्यशील पूंजी ऋण की बढ़ी हुई किश्तें:
पहली किश्त: ₹15,000 तक (पहले ₹10,000 थी)।
दूसरी किश्त: ₹25,000 तक (पहले ₹20,000 थी)।
तीसरी किश्त: ₹50,000 तक (बिना बदलाव के)।
डिजिटल पहुँच:दूसरे ऋण के भुगतान के बाद UPI-लिंक्ड RuPay क्रेडिट कार्ड मिलेगा।
डिजिटल प्रोत्साहन: खुदरा और थोक लेनदेन के लिए रेहड़ी-पटरी वालों को 1,600 रुपये तक का कैशबैक प्रोत्साहन।
कवरेज का विस्तार: योजना का दायरा वैधानिक नगरों से बढ़ाकर जनगणना नगरों और उप-नगरीय क्षेत्रों तक क्रमिक रूप से बढ़ाया जाएगा।
क्षमता निर्माण: विक्रेताओं को उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल कौशल और मार्केटिंग से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
साथ ही, खाद्य विक्रेताओं के लिए स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा पर विशेष प्रशिक्षण (FSSAI के सहयोग से) दिया जाएगा।
'स्वनिधि से समृद्धि' पहल: इस पहल को मजबूत करने के लिए हर महीने लोक कल्याण मेले आयोजित किए जाएंगे, ताकि विक्रेताओं को अन्य कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके।