वैश्विक शासन पहल (GGI) प्रस्ताव
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO प्लस नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान बहुपक्षवाद की वकालत करते हुए वैश्विक शासन पहल (GGI) का प्रस्ताव रखा।
- "ग्लोबल साउथ" को प्राथमिकता देते हुए एक नई वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक व्यवस्था के लिए दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।
- यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत की आलोचना के बीच आया है।
GGI के प्रमुख सिद्धांत
राष्ट्रपति शी ने GGI के लिए कई मूल सिद्धांतों को रेखांकित किया:
- संप्रभु समानता
- सभी देशों को, चाहे उनका आकार या धन कुछ भी हो, वैश्विक शासन में समान भागीदार होना चाहिए।
- लोकतंत्र को बढ़ावा देना और विकासशील देशों की आवाज को बुलंद करना।
- अंतर्राष्ट्रीय कानून का नियम
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का दोहरे मानदंडों के बिना पालन करना।
- कुछ देशों के घरेलू नियमों को अन्य देशों पर थोपने का विरोध।
- बहुपक्षवाद का अभ्यास
- एकजुटता को मजबूत करें और एकतरफावाद का विरोध करना।
- वैश्विक शासन में संयुक्त राष्ट्र की स्थिति और प्राधिकार की रक्षा करना।
वैश्विक सहयोग और न्याय
- समान आधार तलाशना, मतभेदों का सम्मान करना और आम सहमति बनाना।
- निष्पक्षता और न्याय को बढ़ावा देना तथा शीत युद्ध की मानसिकता और धमकाने वाली प्रथाओं का विरोध करना।
- समतापूर्ण वैश्विक शासन के साथ बहुध्रुवीय विश्व का समर्थन करना।
प्रस्ताव का संदर्भ
यह प्रस्ताव दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आया है, जिसे चीन ने विजय दिवस परेड के साथ मनाया था। पुतिन और उत्तर कोरिया के किम जोंग उन जैसे नेताओं ने इस कार्यक्रम में सैन्य साजो-सामान का प्रदर्शन किया था।
निष्कर्ष
शी जिनपिंग ने मानवता के साझा भाग्य वाले समुदाय के उज्जवल भविष्य के लिए SCO के संस्थापक मिशन के प्रति प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित किया।