मॉरीशस के लिए भारत का आर्थिक पैकेज
भारत ने मॉरीशस को 680 मिलियन डॉलर का एक महत्वपूर्ण आर्थिक पैकेज देने का वादा किया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 25 मिलियन डॉलर की बजटीय सहायता भी शामिल है। यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में, खासकर बढ़ती चीनी गतिविधियों के मद्देनजर, अपना प्रभाव बनाए रखने की भारत की रणनीति का हिस्सा है।
द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग
- मॉरीशस में UPI और रुपे कार्ड के सफल शुभारंभ के बाद दोनों देश स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार को सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
समुद्री सुरक्षा और रक्षा
- भारत हिंद महासागर में मॉरीशस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
- सहायता पैकेज में समुद्री संरक्षित क्षेत्र चागोस द्वीपसमूह के विकास और निगरानी के लिए समर्थन शामिल है।
रणनीतिक साझेदार के रूप में मॉरीशस
- मॉरीशस अफ्रीकी संघ, SADC और कॉमेसा का सदस्य होने के नाते अफ्रीकी बाजारों तक तरजीही पहुंच प्रदान करता है।
- मॉरीशस के प्रधान मंत्री ने भारतीय कारोबारियों को पारस्परिक लाभ के लिए इन समझौतों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
समझौते और सहयोग
- मॉरीशस के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
चागोस समझौता
- हाल ही में, ब्रिटेन ने चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंप दी है तथा भारत इस विउपनिवेशीकरण प्रयास का समर्थन कर रहा है।
- मॉरीशस को अब अपने विस्तारित EEZ की गश्त में सहायता की आवश्यकता है तथा वह ब्रिटेन की अपेक्षा भारत से सहायता लेना पसंद कर रहा है।