भारत की राजकीय यात्रा पर आए मॉरीशस के प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत मॉरीशस का एक भरोसेमंद व समय-परीक्षित भागीदार रहा है और रहेगा।
भारत-मॉरीशस संबंध
- आर्थिक: भारत मॉरीशस के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में से एक के रूप में उभरा है। भारत द्वारा प्रमुख निर्यातों में फार्मास्यूटिकल्स, कपास, अनाज, मोटर वाहन और खनिज ईंधन शामिल हैं।
- मॉरीशस भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो 2000 के बाद से भारत की संचयी FDI में लगभग 25% का योगदान करता है।
- भारतीय कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में मॉरीशस में 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
- विकास साझेदारी: भारत ने मॉरीशस को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया है और मेट्रो एक्सप्रेस, सुप्रीम कोर्ट भवन, सामाजिक आवास जैसी प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट का विस्तार किया है।
- कोविड-19 और वेक्सिओ तेल-रिसाव संकट के समय में भारत पारंपरिक रूप से मॉरीशस के लिए पहला सहायता प्रदाता रहा है।
- सांस्कृतिक: मॉरीशस की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है।
- गिरमिटिया (अनुबंधित भारतीय मजदूर) पहली बार 1729 में पुडुचेरी से मॉरीशस लाए गए थे।
- सामरिक और भू-राजनीतिक महत्त्व: पश्चिमी हिंद महासागर में मॉरीशस की अवस्थिति भारत की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण है।
- मॉरीशस भारत के महासागर (MAHASAGAR) विज़न और 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह अफ्रीका में भारत के व्यापार और निवेश के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करता है।
- महासागर/ MAHASAGAR” यानी "क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति।
- मॉरीशस भारत के महासागर (MAHASAGAR) विज़न और 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह अफ्रीका में भारत के व्यापार और निवेश के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में भी कार्य करता है।