भारत और कैरेबियाई समुदाय (कैरिकॉम/ CARICOM) के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत ने सात प्रमुख स्तंभों (पिलर्स) का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
- भारत द्वारा प्रस्तावित सात स्तंभों का संक्षिप्त नाम C-A-R-I-C-O-M ही है।

- ये स्तंभ हैं-
- क्षमता निर्माण (C),
- कृषि और खाद्य सुरक्षा (A),
- नवीकरणीय ऊर्जा व जलवायु परिवर्तन (R),
- नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यापार (I),
- क्रिकेट और संस्कृति (C),
- महासागर अर्थव्यवस्था (O) तथा
- चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल (M)।
- पहला भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन 2019 में आयोजित किया गया था।
कैरिकॉम के बारे में
- यह 1973 में स्थापित एक क्षेत्रीय संगठन है। इसका उद्देश्य कैरिबियन देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा देना है।
- इसमें 15 सदस्य देश और 6 एसोसिएट सदस्य हैं। इसके सदस्यों में एंटीगुआ और बारबुडा, बहामास, बारबाडोस, बेलीज आदि शामिल हैं।
भारत के लिए कैरिकॉम का महत्त्व
- बहुपक्षीय मंचों पर भारत का समर्थन: एंटीगुआ और बारबुडा जैसे कैरिकॉम के सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के पक्ष का समर्थन करते हैं।
- जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन।
- साउथ-साउथ कोऑपरेशन: कैरिकॉम के सदस्य देशों ने भारत द्वारा आयोजित तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन, 2024 में भाग लिया था।
- रक्षा निर्यात: उदाहरण के लिए, हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने गुयाना को दो डोर्नियर 228 विमान निर्यात किए थे।
- जलवायु कार्रवाई और ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग: उदाहरण के लिए- सूरीनाम अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में शामिल हुआ है।
- अन्य दृष्टि से महत्त्व:
- कैरिकॉम देश भारत के लिए लैटिन अमेरिका में प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करते हैं।
- दोनों पक्ष आपदा-रोधी क्षमता बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। जैसे-आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन।
- त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे कैरिबियन देशों में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं आदि।