फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने परिसर के भीतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के संबंध में विशिष्ट प्रतिबंधों की रूपरेखा तैयार की है, तथा परिसर की सुरक्षा पर जोर दिया है।
निषेध संबंधी उपाय
- उच्च सुरक्षा क्षेत्र प्रतिबंध
- उच्चतम न्यायालय के मुख्य परिसर, जिसे उच्च सुरक्षा क्षेत्र घोषित किया गया है, के भीतर सभी प्रकार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी, जिसमें सोशल मीडिया रील बनाना भी शामिल है, पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- इन क्षेत्रों में केवल कैमरा, ट्राइपॉड और सेल्फी स्टिक जैसे उपकरणों के आधिकारिक उपयोग की अनुमति है।
- मीडिया के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र
- मीडिया कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे साक्षात्कार और लाइव प्रसारण निर्धारित लॉन क्षेत्र में करें, जो कि कम सुरक्षा वाला क्षेत्र है।
उल्लंघन के परिणाम
- अधिवक्ताओं, वादियों, प्रशिक्षुओं और विधि लिपिकों के लिए
- किसी भी उल्लंघन पर संबंधित बार एसोसिएशन या राज्य बार काउंसिल द्वारा उनके नियमों और विनियमों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
- मीडिया कर्मियों के लिए
- उच्च सुरक्षा क्षेत्र में उल्लंघन के लिए प्रवेश पर एक महीने तक प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
- स्टाफ और रजिस्ट्री के लिए
- उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा तथा संबंधित विभाग प्रमुखों से अनुशासनात्मक कार्रवाई का अनुरोध किया जा सकता है।
प्रवर्तन
सुरक्षा कर्मियों को यह अधिकार है कि वे स्टाफ सदस्यों और अधिवक्ताओं सहित किसी भी व्यक्ति को उच्च सुरक्षा क्षेत्र के अंदर फोटो लेने या वीडियो बनाने से रोक सकते हैं।