रूस और बेलारूस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास
12 सितंबर, 2025 को, रूस और बेलारूस ने नाटो क्षेत्र के निकट एक महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यास, "ज़ापद-2025" शुरू किया। इस अभ्यास में दोनों देशों के बीच और बाल्टिक तथा बैरेंट्स सागर में विभिन्न अभ्यास शामिल हैं।
संदर्भ और समय
- यह अभ्यास रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़े तनाव के बीच आयोजित हो रहा है।
- यह घटना उस घटना के बाद हुई है जिसमें पोलैंड ने नाटो सहयोगियों के सहयोग से अपने हवाई क्षेत्र में संदिग्ध रूसी ड्रोन को मार गिराया था।
जैपड-2025 के उद्देश्य
- क्षेत्रीय और गठबंधन सैन्य समूहों के बीच कमांडरों के कौशल और परिचालन सहयोग को बढ़ाना।
- पहले चरण में रूस और बेलारूस (संघ राज्य गठबंधन) पर हमले के खिलाफ रक्षा का अनुकरण करना शामिल है।
- दूसरे चरण में संघ राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने और मित्र देशों की गठबंधन सेनाओं के साथ दुश्मन को हराने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
- क्रेमलिन का दावा है कि पोलैंड की सीमा के निकट होने के बावजूद यह अभ्यास अन्य देशों के विरुद्ध लक्षित नहीं है।
- पोलैंड के ऊपर हाल ही में हुई ड्रोन घटना ने तनाव बढ़ा दिया है, जिसे पश्चिमी देशों द्वारा रूस द्वारा संभावित उकसावे के रूप में देखा जा रहा है।
- रूस ने जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा कि ड्रोन हमले यूक्रेन से भेजे गए थे।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ड्रोन घुसपैठ एक गलती हो सकती है।
पोलैंड और नाटो की प्रतिक्रियाएँ
- पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने इस युद्धाभ्यास को "बहुत आक्रामक" बताया और बेलारूस के साथ पोलैंड की सीमा को बंद कर दिया।
- बेलारूस के साथ सीमा साझा करने वाले लिथुआनिया ने सैन्य अभ्यास से संभावित खतरों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय किए।