नासा द्वारा मंगल ग्रह पर संभावित जैव-हस्ताक्षरों की खोज
अमेरिकी राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन ( नासा ) ने अब तक के सबसे मज़बूत सबूतों की रिपोर्ट दी है कि मंगल ग्रह पर कभी जीवन रहा होगा। यह खोज मार्स रोवर पर्सिवियरेंस द्वारा की गई है, जो फरवरी 2021 से मंगल ग्रह की सतह का अन्वेषण कर रहा है।
मुख्य निष्कर्ष
- पर्सिवियरेंस ने चेयावा फॉल्स नामक चट्टान के नमूने में "संभावित जैव-हस्ताक्षर" का पता लगाया।
- इस खोज की घोषणा 10 सितंबर को नासा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई।
- चट्टान में ऐसे रसायन और संरचनाएं पाई गईं, जो संभवतः अरबों वर्ष पहले जीवित जीवों द्वारा बनाई गई थीं।
- यह निष्कर्ष नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ, जिससे यह संभावना बनी रही कि नमूने में जैव-हस्ताक्षर मौजूद हों।
- नासा के कार्यवाहक प्रशासक सीन डफी के अनुसार, यह मंगल ग्रह पर जीवन की खोज के सबसे निकट की खोज है।
रचना और विश्लेषण
- चट्टान का नमूना मिट्टी और गाद के साथ-साथ कार्बनिक कार्बन, सल्फर, ऑक्सीकृत लोहा (जंग) और फास्फोरस से बना है।
- पृथ्वी पर, मिट्टी और गाद को भूतकाल के सूक्ष्मजीवी जीवन को प्रभावी रूप से संरक्षित करने के लिए जाना जाता है।
- वैज्ञानिकों ने पाया कि यद्यपि रासायनिक संरचना जीवन का संकेत हो सकती है, लेकिन ऐसी संरचनाएं गैर-जैविक प्रक्रियाओं के माध्यम से भी बन सकती हैं।
आगे की जांच और चुनौतियाँ
- चेयावा फॉल्स चट्टान के नमूने का अधिक विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा।
- पर्सिवियरेंस ने 30 से अधिक नमूने एकत्र किए हैं, जिन्हें भविष्य के मिशन के तहत पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
- नासा एक नमूना वापसी मिशन की योजना बना रहा है, लेकिन पिछले प्रशासन द्वारा लगाए गए बजट कटौती के कारण उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।