अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता
भारत के साथ व्यापार वार्ता रोकने के कुछ सप्ताह बाद, अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनकी टीम को भारत-अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए वाशिंगटन में वार्ता फिर से शुरू करने का निमंत्रण दिया है।
नव गतिविधि
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक बयानों और सोशल मीडिया के माध्यम से तनाव में कमी का संकेत दिया है।
- अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत में राजदूत पद के लिए मनोनीत सर्जियो गोर ने मधुर संबंधों, आगामी व्यापार समझौते और वर्ष के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन की आशा व्यक्त की है।
व्यापार और कूटनीतिक चुनौतियाँ
- अमेरिका व्यापार, वीजा और निर्वासन के संबंध में भारत के खिलाफ कार्रवाई जारी रखे हुए है। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ व्यवहार पर ट्रम्प की टिप्पणियां भी जारी हैं।
- वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने व्यापार समझौते के लिए भारत द्वारा रूसी तेल के आयात को रोकने को महत्वपूर्ण बताया।
- ट्रम्प ने यूरोपीय संघ से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन के मुद्दे पर रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत और चीन पर "100% प्रतिबंध" लगाए।
आर्थिक निहितार्थ
- भारत और ब्राजील पर अमेरिका का सबसे अधिक 50% टैरिफ लागू है, जिससे भारतीय कपड़ा निर्यातक प्रभावित हो रहे हैं।
- मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने चेतावनी दी है कि टैरिफ से भारत की GDP में 0.5% की कमी आ सकती है और नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
रणनीतिक विचार
- भारत रूसी तेल आयात को कम करने की अमेरिकी मांग पर पुनर्विचार कर रहा है। यह निर्णय अमेरिका की अडिग मांगों के कारण जटिल हो गया है।
- मोदी सरकार ने पहले ही ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात बंद कर दिया है, लेकिन रूसी तेल के मामले में उसे और अधिक जटिलता का सामना करना पड़ रहा है।