अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) से वापसी
सैन्य नेतृत्व वाले पश्चिम अफ्रीकी देशों बुर्किना फासो, माली और नाइजर ने 22 सितंबर, 2025 को ICC से हटने की घोषणा की। उन्होंने ICC को एक "नव-औपनिवेशिक" उपकरण करार दिया।
वापसी के कारण
- बामाको, औगाडूगू और नियामे में सत्तारूढ़ जुंटा ने साहेल राज्यों के गठबंधन (AES) के तहत गठबंधन किया है और पश्चिमी प्रभाव, विशेष रूप से फ्रांस से दूर चले गए हैं।
- एक संयुक्त वक्तव्य में, इन देशों ने ICC की आलोचना करते हुए इसे "नव-उपनिवेशवादी दमन" का साधन बताया तथा युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों जैसे गंभीर अपराधों के अभियोजन में इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाया।
- तीनों राष्ट्रों ने शांति और न्याय के लिए स्वदेशी तंत्र स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की।
वापसी के निहितार्थ
- संयुक्त राष्ट्र महासचिवायल को औपचारिक रूप से प्रस्तुत किये जाने के एक वर्ष बाद वापसी की प्रक्रिया प्रभावी होती है।
- बुर्किना फासो, माली और नाइजर रूस जैसे देशों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहे हैं।
ICC की पृष्ठभूमि
- 2002 में स्थापित ICC का मिशन युद्ध अपराध, नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराध जैसे गंभीर अपराधों पर मुकदमा चलाना है, जब राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार ऐसा करने में विफल हो जाते हैं।
- वर्तमान में, ICC के पास यूक्रेन में युद्ध के संबंध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ मार्च 2023 से गिरफ्तारी का वारंट है।
क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताएँ
- पश्चिम अफ्रीकी देश वर्तमान में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से संबद्ध जिहादी समूहों की हिंसा से जूझ रहे हैं।
- उनके सैन्य बलों पर नागरिकों के विरुद्ध अपराध करने के आरोप लगे हैं।