सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया के AGR बकाया के पुनर्मूल्यांकन की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को वोडाफोन आइडिया (Vi) के समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय संघर्षरत दूरसंचार कंपनी को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है और यह सरकार के नीतिगत दायरे में है। उपभोक्ता हितों के कारण, Vi में सरकार की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी इस निर्णय का एक प्रमुख कारक थी।
मुख्य विवरण
- सरकारी हिस्सेदारी: वोडाफोन आइडिया में केंद्र की 49% हिस्सेदारी है।
- उपयोगकर्ता आधार संबंधी चिंताएं: सितंबर 2025 तक, वोडाफोन आइडिया के पास 202.8 मिलियन ग्राहक थे।
- कानूनी प्रतिनिधित्व: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने वोडाफोन आइडिया का प्रतिनिधित्व किया।
- उपभोक्ता हित: यह मामला 20 करोड़ ग्राहकों को प्रभावित करता है, जिससे सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल मिलता है।
प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
- वोडाफोन आइडिया का दृष्टिकोण: इस निर्णय को एक सकारात्मक विकास और डिजिटल इंडिया विजन के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है।
- शेयर बाजार की प्रतिक्रिया: वोडाफोन आइडिया का स्टॉक 9.3% बढ़कर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो 4.16% बढ़कर ₹10.02 पर बंद हुआ।
- उद्योग पर प्रभाव: इस निर्णय से सरकार को दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय तनाव से निपटने के लिए लचीलापन मिलेगा।
कानूनी और वित्तीय निहितार्थ
- अदालत के फैसले से वोडाफोन आइडिया को अपने बकाया के लिए राहत हेतु बातचीत करने का अवसर मिलता है, लेकिन इससे स्वचालित रूप से बकाया माफ नहीं होता।
- अन्य दूरसंचार ऑपरेटर भी दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ इसी प्रकार की चर्चा कर सकते हैं।
- इस निर्णय से विनियामक दबाव कम हो सकता है तथा दूरसंचार क्षेत्र में स्पष्टता और स्थिरता आ सकती है।
मामले की पृष्ठभूमि
- यह निर्णय सितंबर में वोडाफोन आइडिया की याचिका के बाद लिया गया, जिसमें 2016-17 तक के AGR बकाया के पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई थी।
- वोडाफोन आइडिया ने ब्याज और जुर्माने में छूट की मांग की तथा तर्क दिया कि कोई चूक नहीं हुई है, क्योंकि मूल राशि फाइनल नहीं है।
- 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया का AGR बकाया ₹58,254 करोड़ तय किया था, जो अतिरिक्त मांगों के कारण बढ़कर ₹83,400 करोड़ हो गया है।
- वोडाफोन आइडिया को मार्च 2026 से ₹18,000 करोड़ का वार्षिक भुगतान शुरू करना होगा।
वित्तीय रणनीति और चुनौतियाँ
- बैंक फंडिंग सुरक्षित करने के लिए वोडाफोन आइडिया का प्रयास AGR मुद्दे को हल करने पर निर्भर है।
- कंपनी ने 2024 में पब्लिक ऑफर के माध्यम से ₹18,000 करोड़ जुटाए हैं और अगले कुछ वर्षों में ₹50,000-55,000 करोड़ के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।
कानूनी कार्यवाही और तर्क
- ब्याज और जुर्माने में छूट की मांग करने वाली पिछली याचिकाएं खारिज कर दी गईं।
- न्यायालय ने AGR मुकदमेबाजी में अंतिम निर्णय की आवश्यकता पर बल दिया है।
- AGR विवाद, AGR गणना में गैर-प्रमुख दूरसंचार राजस्व, जैसे होटल राजस्व, को शामिल करने से उत्पन्न होता है।