भारत का संघीय ढांचा और इसकी विशिष्ट विशेषताएँ
भारतीय संविधान की आगामी 76वीं वर्षगांठ इसके संवैधानिक मूल्यों, विशेष रूप से इसकी संघीय विशेषताओं में रुचि को पुनः जागृत करती है। यद्यपि भारतीय संघ को संघीय की तुलना में अधिक एकात्मक कहा जाता है, फिर भी इसमें संघीय विशेषताएँ बरकरार हैं। संविधान सभा का मुख्य उद्देश्य संघीय ढाँचे को बनाए रखते हुए एकता सुनिश्चित करना था।
संघीय/अर्ध-संघीय मॉडल चुनने के कारण
- बी.आर. अंबेडकर का अवलोकन (1948):
- भारत को उसकी अविनाशीता पर जोर देने के लिए "राज्यों का संघ" कहा जाता है।
- यह संघ राज्यों के बीच किसी समझौते का परिणाम नहीं था और कोई भी राज्य इससे अलग नहीं हो सकता।
- अर्ध-संघवाद:
- संविधान में शक्ति संतुलन स्थापित किया गया है, जो अत्यधिक मजबूत केन्द्रीय सरकार को हतोत्साहित करता है।
- बी.जी. खेर का अवलोकन (1949):
- भारतीय संघ का उदय स्वतंत्रता संग्राम से हुआ था, न कि बाहरी आक्रमण से।
भारत के संघीय ढांचे की विशेषताएं
- संवैधानिक प्रावधान:
- अनुच्छेद 1 भारत को "राज्यों का संघ" घोषित करता है।
- अनुच्छेद 3 संसद को राज्यों की सहमति के बिना राज्य की सीमाओं में परिवर्तन करने की अनुमति देता है।
- शक्ति का विभाजन:
- संघ सूची: 97 विषय
- राज्य सूची: 61 विषय
- आपातकाल के दौरान, संसद राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।
- राज्य परिषद की भूमिका:
- क्षेत्रीय हितों का प्रतिनिधित्व करता है और लोकसभा में बहुसंख्यकवाद पर अंकुश लगाता है।
अर्ध-संघीय ढांचे के लिए चुनौतियाँ
- राजकोषीय केंद्रीकरण:
- GST के कारण राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता समाप्त हो गई, जिससे राजस्व में 19-33% की कमी आई।
- मुआवजे में देरी से वित्तीय चुनौतियां बढ़ जाती हैं।
- प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्रीकरण:
- आपातकालीन शक्तियों के निरंतर उपयोग ने संघीय समन्वय का परीक्षण किया है, जैसा कि कोविड महामारी के दौरान देखा गया।
भारत के अर्ध-संघवाद का लचीलापन
- राष्ट्रीय उपलब्धियाँ:
- एकल बाजार अर्थव्यवस्था और पल्स पोलियो जैसे समन्वित राष्ट्रीय कार्यक्रम।
- संवैधानिक तंत्र के माध्यम से अंतर्राज्यीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान।
- सहकारी संघवाद:
- GST परिषद, नीति आयोग और अंतर-राज्य परिषद जैसी संस्थाएं केंद्र-राज्य संवाद को बढ़ावा देती हैं।
- 73वें और 74वें संशोधन स्थानीय शासन को सशक्त बनाते हैं।
- अनेकता में एकता:
- भारत का संघीय ढांचा "साझा शासन के साथ स्वशासन" के सिद्धांत का समर्थन करता है।