संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30)
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30) में बढ़ती जलवायु चिंताओं की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण चर्चाएं और कार्यक्रम हुए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मुख्य टिप्पणियाँ
- वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने में राष्ट्रों की विफलता पर प्रकाश डाला गया।
- अपरिवर्तनीय परिणामों के साथ अत्यधिक तापमान वृद्धि की चेतावनी दी गई है, जो संभवतः 2030 तक 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर जाएगी।
- जलवायु विनाश से लाभ कमाने और प्रगति में बाधा डालने के लिए निगमों की आलोचना की।
- विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया गया।
वर्तमान जलवायु स्थिति
- देश जीवाश्म ईंधन सब्सिडी पर प्रतिवर्ष लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर रहे हैं।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, 2025 संभवतः दूसरा या तीसरा सबसे गर्म वर्ष होगा।
- अगस्त तक औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.42° सेल्सियस अधिक था।
स्वदेशी और कार्यकर्ता भागीदारी
- स्वदेशी समूहों ने वन संरक्षण और स्वदेशी अधिकारों पर जोर दिया।
- स्वदेशी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक बेड़े में देरी हुई।
वैश्विक नेताओं की भागीदारी
- लगभग 150 राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं के भाषण देने की उम्मीद थी।
- उल्लेखनीय रूप से चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और रूस के नेता अनुपस्थित थे।
अमेरिकी अनुपस्थिति के निहितार्थ
- अमेरिका की अनुपस्थिति से अधिक वास्तविक बहुपक्षीय चर्चाएं संभव हो सकती हैं।
- अमेरिकी अधिकारी एक्सॉन मोबिल के साथ समझौते सहित अन्य गतिविधियों में व्यस्त थे।
ब्राज़ील की पहल और वित्तपोषण लक्ष्य
- ब्राजील का लक्ष्य ट्रॉपिकल फॉरेस्ट फॉरएवर फैसिलिटी के लिए 125 बिलियन डॉलर के लक्ष्य में से 10 बिलियन डॉलर प्राप्त करना है।
- ब्रिटेन द्वारा धनराशि देने की प्रतिबद्धता न जताए जाने के बावजूद चीन, नॉर्वे और जर्मनी से योगदान की उम्मीद है।