सुधार और विकास के लिए वैश्विक सूचकांक (GIRG) पहल
भारत सरकार सुधार और विकास के लिए वैश्विक सूचकांक (GIRG) पहल में सक्रिय रूप से शामिल है, जो विभिन्न मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से 26 वैश्विक सूचकांकों में भारत की स्थिति को बढ़ाने पर केंद्रित है।
उद्देश्य
- देश के विकास को समर्थन देने के लिए कमियों की पहचान करना और उनका समाधान करना।
समन्वय और विषय
- अंतर-मंत्रालयी समन्वय: इसमें सुधार और विकास को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालयों के बीच सहयोग शामिल है।
- सम्मिलित विषय: सूचकांक में चार व्यापक विषय शामिल हैं:
- अर्थव्यवस्था
- विकास
- शासन
- उद्योग
नीति आयोग की भूमिका
- नीति आयोग का विकास निगरानी एवं मूल्यांकन कार्यालय (DMEO) ज्ञान साझेदार और केंद्रीय समन्वयक के रूप में कार्य करता है।
समीक्षाधीन सूचकांक
- लोकतंत्र सूचकांक
- नेटवर्क तत्परता सूचकांक (NRI)
- वैश्विक भूख सूचकांक (GHI)
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI)
नोडल मंत्रालयों की जिम्मेदारी
- 17 नोडल मंत्रालयों को विशिष्ट सूचकांक सौंपे गए हैं।
- कार्यों में शामिल हैं:
- सूचकांक पद्धतियों की गहन समीक्षा करना।
- डेटा सटीकता के लिए अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ जुड़ना।
- नवीनतम आधिकारिक भारतीय आंकड़ों का उपयोग सुनिश्चित करना।
- प्रदर्शन अंतराल की पहचान करना और सुधारात्मक उपायों को लागू करना।
इन प्रयासों के माध्यम से भारत का लक्ष्य अपनी रैंकिंग में सुधार करना तथा वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करना है।