बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) के सामने आने वाली ज़िम्मेदारियों और चुनौतियों पर विचार किया। अदालत ने ज़ोर देकर कहा कि BLO अपने कर्तव्यों से बच नहीं सकते, लेकिन अगर उन पर काम का बोझ ज़्यादा है, तो राज्य सरकारों को उनके स्थान पर अन्य अधिकारी उपलब्ध कराने होंगे।
न्यायालय के निर्देश
- राज्य सरकारों को कार्यभार कम करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती पर विचार करने की सलाह दी गई।
- कर्तव्यों से छूट के अनुरोधों पर मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाना चाहिए, ताकि छूट प्राप्त कर्मचारियों के स्थान पर अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित की जा सके।
- न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी बिना किसी प्रतिस्थापन के सौंपे गए कार्य से एकतरफा रूप से पीछे नहीं हट सकते।
मानवीय चिंताएँ
- बैठक में BLO के विरुद्ध जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 32 के अंतर्गत FIR जैसी कठोर कार्रवाई के मुद्दे पर चर्चा की गई।
राज्य सरकारों की भूमिका
- मुख्य न्यायाधीश कांत ने राज्य सरकारों से अधिक कर्मचारी उपलब्ध कराने तथा रसद संबंधी कठिनाइयों का समाधान करने का आग्रह किया।