भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग
5 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की प्रतिबद्धता जताई।
राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार
- भारत और रूस ने राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करते हुए द्विपक्षीय निपटान प्रणाली विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।
- इस पहल का उद्देश्य अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करना तथा रूस के साथ भारत के व्यापार घाटे को कम करना है।
द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य
- 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य।
- वर्तमान व्यापार मूल्य 2024-25 तक 68.7 बिलियन डॉलर है।
- इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने के प्रयास चल रहे हैं।
वित्तीय और भुगतान प्रणालियाँ
- राष्ट्रीय भुगतान प्रणालियों की अंतर-संचालनीयता पर परामर्श जारी है।
- केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा प्लेटफॉर्म विकसित करने पर जोर।
व्यापार और बहुपक्षीय प्रणाली
- एक खुली और गैर-भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के महत्व पर बल दिया गया।
- विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली का केन्द्रीय अंग बना हुआ है।
लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी
- लॉजिस्टिक्स संबंधी बाधाओं को दूर करने और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना।
- INSTC और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर जैसे परिवहन गलियारों को बढ़ाने की योजना।
ऊर्जा क्षेत्र सहयोग
- ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के प्रयास।
- ऊर्जा क्षेत्र भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
विशेषज्ञ की राय
- विशेषज्ञ ने भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंधों में स्वाभाविक वृद्धि पर ध्यान दिया।
- 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का लक्ष्य प्राप्त करने पर बहस के बावजूद, द्विपक्षीय व्यापार में मजबूत वृद्धि के लिए आशावाद।
भविष्य की संभावनाओं
- प्रधानमंत्री ने 2030 से पहले व्यापार लक्ष्य प्राप्त करने का विश्वास व्यक्त किया।
- सरकारी और जमीनी स्तर दोनों से द्विपक्षीय व्यापार में रुचि बढ़ रही है।