भारत में अग्नि सुरक्षा और विनियामक चुनौतियाँ
हाल ही में गोवा के अरपोरा स्थित बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में हुई त्रासदी, जिसमें 25 लोगों की जान चली गई, भारत में अग्नि सुरक्षा और नियामक प्रवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है।
प्रमुख मुद्दों की पहचान की गई
- अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र का अभाव: नाइटक्लब वैध अग्निशमन विभाग अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के बिना संचालित हो रहा था।
- अपर्याप्त सुरक्षा अवसंरचना:
- इमारत में आवश्यक सुरक्षा बुनियादी ढांचे का अभाव था।
- लकड़ी के पैनलों और सजावट के इस्तेमाल से आग और भी तेजी से फैली।
- तहखाने में खराब वेंटिलेशन के कारण जहरीले धुएं और ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुईं।
- प्रवर्तन संबंधी मुद्दे:
- बिना लाइसेंस वाली इमारतों को गिराने के नोटिस पर अमल नहीं किया गया।
- भारत भर में नियामक प्रवर्तन की अपर्याप्तता एक व्यापक मुद्दा है।
अंतर्निहित कारण
- कानूनों का शिथिल कार्यान्वयन: भवन निर्माण संहिता और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अस्तित्व के बावजूद, भ्रष्टाचार और नौकरशाही की सुस्ती के कारण उनका प्रवर्तन कमजोर है।
- राजनीतिक संरक्षण: गोवा जैसे पर्यटन केंद्रों में अवैध क्लबों के संचालन को अक्सर राजनीतिक समर्थन से लाभ मिलता है।
प्रस्तावित सुधार
- नियमित अग्नि सुरक्षा ऑडिट: समय-समय पर ऑडिट करें और परिणाम ई-गवर्नेंस पोर्टल पर प्रकाशित करना।
- सामुदायिक पहल: स्थानीय शासन संस्थाओं द्वारा संचालित अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों को अनिवार्य बनाना।
- प्रशिक्षण: उच्च जोखिम वाले प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों को सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान करें।