वैश्विक मूल्य श्रृंखला विकास रिपोर्ट 2025
यह रिपोर्ट ADB, यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स में ग्लोबल वैल्यू चेन्स के लिए रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपिंग इकोनॉमीज-जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और डब्ल्यूटीओ सचिवालय सहित कई संगठनों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है।
मुख्य विशेषताएं
- उभरती हुई अर्थव्यवस्था:
- भारत, फिलीपींस और कई अफ्रीकी अर्थव्यवस्थाओं ने व्यावसायिक प्रक्रिया और डिजिटल सेवा निर्यात में अपनी स्थिति में सुधार किया है।
- इन प्रगति का श्रेय बाजार की ताकतों और जोखिम विविधीकरण तथा निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से लिए गए रणनीतिक नीतिगत निर्णयों दोनों को दिया जाता है।
- सेवाओं का मूल्यवर्धन:
- विनिर्माण निर्यात में सेवाओं का योगदान अब एक तिहाई से अधिक है।
- यह आधुनिक प्रतिस्पर्धा में डिजाइन, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल कार्यों के महत्व को उजागर करता है।
- क्षेत्रीय व्यापार केंद्र:
- एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका वैश्विक मूल्य श्रृंखला (GVC) व्यापार के अधिकांश हिस्से पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं।
- लैटिन अमेरिका और अफ्रीका को उभरते हुए केंद्रों के रूप में पहचाना जाता है, फिर भी वे मुख्य केंद्रों की तुलना में हाशिये पर ही बने हुए हैं।
- वैश्वीकरण और GVC:
- यह रिपोर्ट इस धारणा का समर्थन करती है कि वैश्वीकरण निरंतर जारी है और GVC (ग्लोबल वेकेशन चेन) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- GVC व्यापार हिस्सेदारी 2022 में 48% से घटकर अगले वर्ष 46.3% हो गई है।