प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 दिसंबर, 2025 को लोकसभा में 'प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025' पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य दशकों पुराने प्रतिभूति कानूनों को एकीकृत करना और भारत के तेजी से बढ़ते पूंजी बाजार के लिए एक आधुनिक, सरल और पारदर्शी विनियामक ढांचा तैयार करना है।
प्रमुख उद्देश्य और प्रावधान
- यह विधेयक तीन महत्वपूर्ण अधिनियमों का विलय करता है:
- प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 (SCRA)
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 (SEBI Act)
- निक्षेपागार अधिनियम, 1996 (Depositories Act)
- इसका लक्ष्य ओवरलैपिंग और पुराने पड़ चुके प्रावधानों को समाप्त कर एक एकीकृत विधिक ढांचा प्रदान करना है।
- SEBI के सदस्यों की संख्या 9 से बढ़ाकर 15 करने का प्रस्ताव है, जिसमें निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:
- अध्यक्ष
- केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो अधिकारी
- RBI से एक पदेन (ex-officio) सदस्य
- 11 अन्य सदस्य, जिनमें से कम से कम पांच पूर्णकालिक सदस्य (Whole-time members) होंगे।
महत्वपूर्ण परिवर्तन
- 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देने के लिए प्रक्रियात्मक और तकनीकी उल्लंघनों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर नागरिक दंड (Civil Penalties) में बदल दिया गया है।
- आपराधिक दंड केवल गंभीर अपराधों जैसे 'मार्केट एब्यूज' (जैसे इनसाइडर ट्रेडिंग) और जांच में सहयोग न करने पर ही लागू होगा।
- उल्लंघन की तारीख से आठ साल बीत जाने के बाद किसी भी डिफॉल्ट या उल्लंघन के लिए जांच या निरीक्षण का आदेश नहीं दिया जा सकता।
- हितों का प्रकटीकरण: बोर्ड के सदस्यों के लिए किसी भी "प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष" हित (interest) का खुलासा करना अनिवार्य है। इसमें परिवार के सदस्यों के हित भी शामिल हैं। हितों के टकराव की स्थिति में सदस्य को निर्णय लेने की प्रक्रिया से अलग होना होगा।
प्रतिक्रियाएँ और चर्चाएँ
- एक ही निकाय को अत्यधिक शक्तियां दिए जाने पर चिंताएं जताई गईं।
- वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि विधेयक की समीक्षा वित्त संबंधी स्थायी समिति द्वारा की जाएगी।
- अध्यक्ष को विधेयकों को आगे की चर्चा के लिए संसदीय समितियों को भेजने का अधिकार है।
समग्र लक्ष्य
इस विधेयक का उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करना, व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाना और अनुपालन के बोझ को कम करने और नियामक शासन को बढ़ाने के साथ प्रौद्योगिकी-संचालित प्रतिभूति बाजार का निर्माण करना है।