पारंपरिक चिकित्सा पर द्वितीय WHO वैश्विक शिखर सम्मेलन
इस शिखर सम्मेलन ने विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और प्रशिक्षण एवं ज्ञान साझाकरण को आगे बढ़ाने के लिए संवाद की सुविधा प्रदान की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की मुख्य बातें
- जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना भारत के लिए एक विशेषाधिकार और गौरव का विषय है।
- इस शिखर सम्मेलन में डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, एआई-आधारित (AI-based) उपकरण, अनुसंधान नवाचार और आधुनिक कल्याण अवसंरचना का प्रदर्शन किया गया।
- परंपरा और प्रौद्योगिकी का एकीकरण वैश्विक स्वास्थ्य पहलों की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
- पारंपरिक चिकित्सा पर वैज्ञानिक डेटा और नीतिगत दस्तावेजों को संरक्षित करने के लिए 'ट्रेडिशनल मेडिसिन ग्लोबल लाइब्रेरी' का शुभारंभ।
वैश्विक सहयोग और पहल
निम्नलिखित के साथ 'उपचार की साझेदारी' (partnerships of healing) पर ध्यान केंद्रित किया गया:
- दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को कवर करने वाले BIMSTEC देशों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) की स्थापना।
- विज्ञान, पारंपरिक प्रथाओं और स्वास्थ्य को एकीकृत करने के लिए जापान के साथ सहयोग।
शिखर सम्मेलन का विषय
- विषय: 'संतुलन की बहाली: स्वास्थ्य और कल्याण का विज्ञान और अभ्यास' समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह आयुर्वेद के इस सिद्धांत पर बल देता है कि संतुलन ही स्वास्थ्य है।
- मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियाँ अक्सर जीवनशैली और कुछ असंतुलनों से जुड़ी होती हैं, जैसे कि:
- कार्य-जीवन असंतुलन
- आहार असंतुलन
- नींद का असंतुलन
- आंत के माइक्रोबायोम में असंतुलन
- कैलोरी असंतुलन
- भावनात्मक असंतुलन
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 'संतुलन बहाल करना' एक वैश्विक आवश्यकता है, जिसके लिए इन मुद्दों से निपटने के लिए त्वरित प्रयासों की आवश्यकता है।