केंद्रीय बजट 2025-26 में MSME वर्गीकरण के लिए नए मानदंडों की घोषणा की गई | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्रीय बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) की परिभाषा के लिये सभी श्रेणियों में निवेश और टर्नओवर की अधिकतम राशि को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया गया है।

  • इससे MSMEs को उच्चतर कार्यकुशलता, तकनीकी सुधार और अधिक पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

MSMEs परिभाषा के लिए वर्गीकरण मानदंड में संशोधन

उद्यम के प्रकारअधिकतम निवेश में संशोधन अधिकतम टर्नओवर में संशोधन
सूक्ष्म (Micro)1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.5 करोड़ रुपये  5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये
लघु (Small)10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये  50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये 
मध्यम (Medium)50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 125 करोड़ रुपये  250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये 

 

MSME क्षेत्रक के लिए बजट 2025-26 में घोषित अन्य पहलें:

  • सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी कवर की राशि 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई है।
  • उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। एक क्रेडिट कार्ड से अधिकतम 5 लाख रुपये खर्च किए जा सकते हैं।  
  • निर्यात संवर्धन मिशन की शुरुआत की जाएगी। इस मिशन के निम्नलिखित उद्देश्य होंगे:
    • निर्यात संबंधी ऋण प्राप्ति को सुगम बनाना, तथा 
    • विदेशी बाजारों में गैर-टैरिफ अवरोधों से निपटने के लिए MSMEs को सहायता प्रदान करना।
  • स्टार्ट-अप के लिए 10,000 करोड़ रुपये से नया “फंड ऑफ फंड्स” स्थापित किया जाएगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए MSME का महत्त्व

  • रोजगार सृजन: भारत में एक करोड़ से अधिक पंजीकृत MSMEs हैं। ये लगभग 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दिए हुए हैं
  • विनिर्माण में भागीदारी: भारत के कुल विनिर्माण क्षेत्रक आउटपुट (उत्पादन) में MSMEs 36% का योगदान देते हैं।
  • निर्यात में हिस्सेदारी: भारत के कुल निर्यात में MSMEs 45% का योगदान देते हैं

 

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