कुवैत वर्तमान में UNSC में सुधार से संबंधित अंतर-सरकारी वार्ता (IGN) का सह-अध्यक्ष है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और यू.के. ने भी UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के पक्ष का समर्थन किया है।
भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सीट क्यों मिलनी चाहिए?
- जनसंख्या एवं लोकतंत्र: भारत की जनसंख्या 1.4 अरब से अधिक है, जो दुनिया की कुल आबादी का लगभग छठा हिस्सा है। साथ ही, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भी है।
- उभरती आर्थिक शक्ति: नॉमिनल GDP के मामले में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी और क्रय शक्ति समता (PPP) के मामले में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- वैश्विक स्तर पर रणनीतिक संबंधों में संतुलन: भारत उन बड़े देशों में से एक है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस, दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हुए है। इसलिए विश्व शांति बनाए रखने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- इससे प्रमुख वैश्विक मुद्दों के समाधान में वीटो शक्ति के उपयोग में कमी आ सकती है।
- नेतृत्वकारी भूमिका: भारत अब ग्लोबल साऊथ की आवाज बन चुका है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करने वाले ‘L 69’ समूह (42 देश) का नेतृत्व कर रहा है।
- संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों का समर्थन: भारत निरस्त्रीकरण, नस्लवाद-विरोध और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद समाधान का प्रबल समर्थक है।
भारत की स्थायी सदस्यता के समक्ष बाधाएं
- विपक्षी समूह: “यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस” या “कॉफी क्लब” जैसे समूह स्थायी सीटों के विस्तार के खिलाफ हैं।
- P5 देशों का स्वार्थ: उदाहरणार्थ- चीन भारत की दावेदारी का विरोध करने वाला UNSC का एकमात्र स्थायी सदस्य है।
- संरचनात्मक बाधाएं: संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन के लिए महासभा के दो-तिहाई सदस्यों द्वारा अनुमोदन और सभी P5 (स्थायी) सदस्यों की सहमति अनिवार्य है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बारे में
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