सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन
सागर (SAGAR) मिशन के तहत भारत का INS सुनयना पोत मोजाम्बिक के नकाला बंदरगाह पहुंचा। यह मिशन भारत के सागर (SAGAR) विजन का हिस्सा है।
- सागर मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत और अफ्रीकी देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
सागर (SAGAR) विजन के बारे में
- इसका अनावरण 2015 में किया गया था। यह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सहयोग के लिए भारत का रणनीतिक विजन है।
- उद्देश्य: हिंद महासागर क्षेत्र के सभी देशों के लाभ के लिए देशों के बीच समुद्री क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना, क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना तथा आर्थिक समृद्धि को प्रोत्साहित करना।
- सागर विजन के मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर, भारत के प्रधान मंत्री ने हाल ही में महासागर (MAHASAGAR) विजन की घोषणा की है। यहां MAHASAGAR से आशय है- ‘म्यूचुअल एंड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ अक्रॉस रीजन’।
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- SAGAR
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- MAHASAGAR
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रास ईसा बंदरगाह
संयुक्त राज्य अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के अधिकार वाले रास ईसा बंदरगाह/टर्मिनल पर हवाई हमला किया।
रास ईसा बंदरगाह/टर्मिनल के बारे में
- यह सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कामरान खाड़ी में स्थित है।
- मरीब-रास ईसा पाइपलाइन मरीब ऑयल फील्ड और लाल सागर में स्थित गहरे समुद्री बंदरगाह रास ईसा को जोड़ती है।
- यमन के अन्य मुख्य बंदरगाह: अदन, अल होदेइदाह, मोखा (अल मोखा), आदि।
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- रास ईसा बंदरगाह
- कामरान खाड़ी
- मरीब-रास ईसा पाइपलाइन
क्रिएट इन इंडिया चैलेंज (CIC)
‘क्रिएट इन इंडिया चैलेंज (CIC)’ सीजन-1 को वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) के तहत एक प्रमुख पहल के रूप में आरंभ किया गया था। अब यह एक वैश्विक पहल का रूप ले चुका है।
क्रिएट इन इंडिया चैलेंज (CIC) के बारे में
- प्रारंभ: इसे अगस्त, 2024 में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुरू किया था।
- उद्देश्य: इसके उद्देश्य हैं- भारत के क्रिएटर्स को सशक्त बनाना तथा उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने, अपने कौशल से मुद्रा अर्जित करने और मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग की संवृद्धि में योगदान देने का अवसर देना।
- मुख्य फोकस: यह जमीनी स्तर के इनोवेशन को बढ़ावा देता है और इसके विविध उद्देश्यों व अलग-अलग लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
- महत्त्व: यह विश्व में भारत के सॉफ्ट पावर की क्षमता को मजबूत करता है और उभरती प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
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- WAVES
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- भारत के क्रिएटर्स
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ऑपरेशन अटलांटा
यूरोपीय संघ नौसैनिक बल (EUNAVFOR) के ऑपरेशन अटलांटा ने भारतीय नौसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास का प्रस्ताव दिया है।
ऑपरेशन अटलांटा के बारे में
- उद्देश्य: यह ऑपरेशन शांति, क्षेत्र में स्थिरता और समुद्री सुरक्षा के प्रयासों का समर्थन करता है। इसके कार्यों में समुद्री डकैती (पायरेसी), मादक पदार्थों की तस्करी, गैर-कानूनी तरीके से मछली पकड़ना जैसी गतिविधियों को रोकना है।
- यह ऑपरेशन पश्चिमी हिंद महासागर और लाल सागर क्षेत्र में संचालित किया जाता है।
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- ऑपरेशन अटलांटा
- EUNAVFOR
- समुद्री डकैती
पेस्ट फिल तकनीक
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) भूमिगत खानों में पेस्ट फिल तकनीक का उपयोग करने वाला भारत में सार्वजनिक क्षेत्रक का पहला कोल उपक्रम बन गया है।
पेस्ट फिल तकनीक के बारे में
- यह एक आधुनिक भूमिगत खनन तकनीक है। इसमें निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:
- कोयला निकालने के बाद जो खाली जगह बनती है, उसे विशेष रूप से तैयार किए गए पेस्ट से भरा जाता है।
- यह पेस्ट ओपनकास्ट खानों के क्रश किए गए ओवरबर्डन, फ्लाई ऐश, सीमेंट, जल, बाइंडिंग रसायन घटकों से बना होता है।
- पेस्ट फिल तकनीक के मुख्य लाभ:
- अधिक मात्रा में भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- भू-धंसाव (land subsidence) को रोका जा सकता है।
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- पेस्ट फिल तकनीक
- SECL
- ओपनकास्ट खानों के क्रश
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इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोन्यूमेंट्स एंड साइट्स
18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया गया। वर्ष 2025 में विश्व विरासत दिवस की थीम है: “आपदाओं और संघर्षों से खतरे में विरासत: तैयारी और ICOMOS के 60 वर्षों से मिली सीख।”
इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) के बारे में
- ICOMOS एक गैर-सरकारी संगठन है। यह दुनिया भर में सांस्कृतिक विरासत स्थलों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए काम करता है।
- स्थापना: 1964 में “ऐतिहासिक स्मारकों के वास्तुकारों और तकनीशियनों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस” में वेनिस चार्टर को अपनाया गया। इसके ठीक एक वर्ष बाद 1965 में, वारसॉ में ICOMOS की स्थापना की गई।
- यह एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जो मूर्त एवं अमूर्त दोनों तरह की विरासत स्थलों की सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों और तकनीकों को लागू करता है।
- Tags :
- ICOMOS
- विश्व विरासत दिवस
गिंडी राष्ट्रीय उद्यान
काले हिरणों की आबादी को सहारा देने के लिए गिंडी राष्ट्रीय उद्यान में उपेक्षित घासभूमियों का पुनरुद्धार किया जाएगा।
- काला हिरण या भारतीय मृग (एंटीलोप सर्विकापरा) भारतीय उपमहाद्वीप की स्थानिक प्रजाति है।
- यह IUCN रेड लिस्ट में लिस्ट कंसर्न और WPA, 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध है।
गिंडी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
- अवस्थिति: चेन्नई (राजभवन के पास), तमिलनाडु
- यह भारत का 8वाँ सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह शहर में मौजूद कुछ राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है।
- प्राणिजात:
- स्तनधारी: काला हिरण, चित्तीदार हिरण, आदि।
- पक्षी: 130 से अधिक प्रजातियां, जिनमें क्रो फिजेंट, श्रीके, टेलर बर्ड, आदि शामिल हैं।
- वनस्पतिजात: कांटेदार वन, उष्णकटिबंधीय शुष्क सदाबहार वन, घासभूमियां, आदि।
- Tags :
- गिंडी राष्ट्रीय उद्यान
- भारतीय मृग
लूसी मिशन
नासा का लूसी अंतरिक्ष यान क्षुद्रग्रह डोनाल्डजोहानसन के करीब से उड़ान भरने (फ्लॉय बाय) की प्रक्रिया में है।
लूसी मिशन के बारे में
- प्रक्षेपण वर्ष: इसे वर्ष 2021 में प्रक्षेपित किया गया था।
- नाम की प्रेरणा: इस मिशन को “लूसी” नाम उस प्राचीन मानव पूर्वज के जीवाश्म से प्रेरित होकर दिया गया है, जिसकी खोज 1974 में इथियोपिया में हुई थी।
- उद्देश्य: यह बृहस्पति के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन है। ये क्षुद्रग्रह हमारे सौरमंडल की प्रारंभिक अवस्था के अवशेष माने जाते हैं।
- ट्रोजन क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करते समय बृहस्पति ग्रह की कक्षा में दो “समूहों” में स्थित होते हैं। इनमें से एक बृहस्पति से आगे है और दूसरा उसके पीछे होता है।
- मिशन की अवधि: 12 वर्ष
- महत्त्व: यह मिशन सौरमंडल की उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद करेगा।
- Tags :
- लूसी मिशन
- डोनाल्डजोहानसन
- ट्रोजन क्षुद्रग्रह
पेयर (PAIR) कार्यक्रम
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- ANRF
- NEP
- हब-एंड-स्पोक मॉडल
स्टेगोडोन गणेश
वर्धा-पैनगंगा नदी के किनारे विलुप्त प्राणी स्टेगोडोन गणेश के दुर्लभ जीवाश्म मिले हैं।
- पैनगंगा नदी की लंबाई 676 किलोमीटर है। यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता की पहाड़ियों से निकलती है।
- यह नदी महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की सीमा के साथ-साथ बहती है, और आगे चलकर वर्धा नदी में मिल जाती है।
स्टेगोडोन गणेश के बारे में
- यह प्राचीन समय में मौजूद हाथी की एक नस्ल थी, जिसे आज के एशियाई हाथियों का पूर्वज माना जाता है।
- इसके जीवाश्म (फॉसिल) करीब 25,000 साल पुराने हैं और ये प्लीस्टोसीन युग के अंतिम दौर से संबंधित हैं।
- इसके दांत (टस्क) बहुत लंबे और पास-पास होते थे, जिससे उनके बीच में सूंड़ के लिए जगह नहीं बच पाती थी।
- Tags :
- वर्धा-पैनगंगा नदी
- स्टेगोडोन गणेश
- प्लीस्टोसीन युग