संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने ऐतिहासिक ‘कम्प्रोमिसो डी सेविला’ (सेविला प्रतिबद्धता) आउटकम डॉक्यूमेंट को अंतिम रूप दिया | Current Affairs | Vision IAS
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‘कम्प्रोमिसो डी सेविला’ यानी “सेविला प्रतिबद्धता” चौथे अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त सम्मेलन (FFD4) का अंतिम आउटकम डॉक्यूमेंट है।

चौथा अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त सम्मेलन (FFD4) के बारे में

  • FFD4 का उद्देश्य: यह सतत विकास के लिए वित्त-पोषण की दिशा में एक नए वैश्विक फ्रेमवर्क का आधार है।
  • आयोजन स्थल: सेविला (स्पेन)।
  • भागीदार: FFD में देशों के नेता, संस्थान, व्यवसाय जगत और सिविल सोसाइटी उच्चतम स्तर पर वार्ता के लिए एकजुट होते हैं। 
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रक्रिया से पूरी तरह से बाहर होने का निर्णय लिया है।
  • विकास के लिए वित्त-पोषण (FFD): संयुक्त राष्ट्र में यह प्रक्रिया विकास के लिए वित्त-पोषण पर तीन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के समझौतों के क्रियान्वयन का समर्थन करने पर केंद्रित है। (इन्फोग्राफिक देखिए) 

FFD4 आउटकम डॉक्यूमेंट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • वैश्विक वित्त-पोषण फ्रेमवर्क: यह डॉक्यूमेंट अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा, मॉन्टेरी कंसेंसस और दोहा डिक्लेरेशन की प्रतिबद्धताओं की फिर से पुष्टि करता है।
    • इसका उद्देश्य विकासशील देशों में सतत विकास लक्ष्य (SDG) की प्राप्ति के लिए आवश्यक वित्त-पोषण में प्रत्येक वर्ष 4 ट्रिलियन डॉलर की कमी को दूर करना है।  
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार: इस डॉक्यूमेंट में समावेशी गवर्नेंस प्रणाली सुनिश्चित करने की मांग की गई है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कोटा प्रणाली में सुधार, विश्व बैंक में देशों की शेयरधारिता की समीक्षा, इत्यादि की सिफारिश की गई है। 
  • ऋण लेने और चुकाने के दायित्व का प्रबंधन: संयुक्त राष्ट्र, IMF और विश्व बैंक मिलकर ऐसे दिशा-निर्देश या "स्वैच्छिक सिद्धांत" बना रहे हैं, जिनका देश अपने ऋण (कर्ज) के प्रबंधन और लेन-देन में पालन कर सकेंगे। ये सिद्धांत अनिवार्य नहीं होंगे, बल्कि देशों को उन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 
  • कर सुधार: यह डॉक्यूमेंट बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग (BEPS) पर OECD/ G-20 समावेशी फ्रेमवर्क के तहत पिलर-II के कार्यान्वयन को मान्यता देता है। पिलर-II बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए उनके संचालन क्षेत्र वाले सभी देशों/ क्षेत्रों में न्यूनतम कॉर्पोरेट टैक्स का भुगतान अनिवार्य करता है।
    • साथ ही, यह डॉक्यूमेंट पिलर-II के तहत ग्लोबल एंटी-बेस इरोजन मॉडल नियमों और सब्जेक्ट टू टैक्स रूल (STTR) को लागू करने के लिए देश-विशेष आधारित तकनीकी सहायता प्रदान करने का समर्थन भी करता है।
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