एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स (ETI), 2025 | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 20 Jun 2025

38 min read

एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स (ETI), 2025

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स 2025 जारी किया।

मुख्य तथ्य:

  • इस इंडेक्स में स्वीडन पहले स्थान पर रहा, उसके बाद फिनलैंड, डेनमार्क और नॉर्वे का स्थान रहा।
  • भारत की रैंक 2024 में 63 थी, जो 2025 में गिरकर 71 हो गई है।

ETI के बारे में:

  • यह इंडेक्स यह दिखाता है कि कोई देश पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों से स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में कितनी प्रगति कर रहा है।
  • इस इंडेक्स में दो मुख्य बातें देखी जाती हैं:
    • सिस्टम प्रदर्शन (जैसे- ऊर्जा सुरक्षा, समानता और पर्यावरणीय स्थिरता)
    • ट्रांजिशन के लिए तैयारी (जैसे- नियम, आधारभूत ढांचा, निवेश आदि)
  • यह सूचकांक कुल 43 संकेतकों के आधार पर तैयार किया जाता है। साथ ही, विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग करके देशों को 0 से 100 अंकों के बीच स्कोर दिया जाता है।
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  • ETI
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नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (NIXI)

NIXI की स्थापना के 20 वर्ष पूरे हुए।

NIXI के बारे में:

  • यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत किया गया है। इसकी स्थापना 2003 में हुई थी।
  • इसका उद्देश्य भारत के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) के बीच नेटवर्किंग (पीयरिंग) को बढ़ावा देना था, ताकि इंटरनेट ट्रैफिक को देश के भीतर ही बनाए रखा जा सके।
  • 2004 में, NIXI को INRegistry के माध्यम से भारत के .IN कंट्री कोड टॉप-लेवल डोमेन (ccTLD) को संभालने की जिम्मेदारी दी गई।
  • NIXI निष्पक्ष और भेदभाव रहित तरीके से काम करता है और वैश्विक सर्वोत्तम मानकों का पालन करता है।
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राजकोट का संधारणीय मॉडल: डंपसाइट को हरित वन में बदलना

राजकोट में नकड़ावाड़ी नाम की एक पुरानी डंप साइट थी, जिसमें 16 लाख टन पुराना कचरा जमा था। इस साइट का कायाकल्प करके इसे 20 एकड़ के हरित शहरी वन (Urban Forest) में परिवर्तित कर दिया गया है।

  • यह कार्य स्वच्छ भारत मिशन के "लक्ष्य ज़ीरो डंपसाइट" पहल के तहत किया गया है। इसका उद्देश्य पुराने कचरा स्थलों को साफ करना और "कचरा मुक्त शहर" बनाना है।

राजकोट मॉडल के बारे में:

  • इसमें 2.35 लाख देशज और तेजी से बढ़ने वाले पेड़ लगाए गए, इन पेड़ों को मियावाकी तकनीक से लगाया गया है।
    • मियावाकी तकनीक जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी द्वारा 1970 के दशक में विकसित की गई थी। इसमें देशज पौधों से तेजी से घने जंगल तैयार किए जाते हैं।
  • इसमें कचरे से ऊर्जा बनाने की तकनीक, और सिंचाई के लिए ट्रीट किया गया गंदा पानी (सेकेंडरी ट्रीटेड वॉटर) भी इस्तेमाल किया गया।
  • यह मॉडल सर्कुलर इकोनॉमी का अच्छा उदाहरण है, जिसमें एक खराब पड़ी डंपसाइट को एक हरित और पर्यावरण अनुकूल शहरी क्षेत्र में बदला गया।
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डूम्सडे फिश (ओरफिश)

हाल ही में तमिलनाडु के तट के पास मछुआरों ने एक ओरफिश पकड़ी, जिसे "डूम्सडे फिश" भी कहा जाता है।

डूम्सडे फिश (ओरफिश) के बारे में

  • यह मछली दिखने में काफी बड़ी और अजीब होती है। इसका शरीर लंबा और फीते (रिबन) जैसा होता है, जिससे यह पानी में आसानी से छिपकर तैर सकती है।
  • इसे "डूम्सडे फिश" इसलिए कहा जाता है क्योंकि जापानी मान्यता के अनुसार इसका सतह के पास दिखना किसी प्राकृतिक आपदा (जैसे भूकंप या सुनामी) के आने की चेतावनी माना जाता है।
  • ओरफिश की लंबाई 30 फीट से भी ज्यादा हो सकती है।
  • ये मछलियाँ फिल्टर फीडर होती हैं, यानी ये पानी से छोटे-छोटे जीव जैसे क्रिल, प्लवक (प्लैंकटन) और अन्य सूक्ष्म झींगों (क्रस्टेशियन) को छानकर खाती हैं।
    • फिल्टर फीडर वे जीव होते हैं जो पानी में से भोजन (जैसे छोटे जीव या जैविक कण) को छानकर ग्रहण करते हैं। जैसे क्लैम या व्हेल।
  • ये मछलियाँ गहरे समुद्र में रहती हैं। ये अक्सर उस क्षेत्र में पनपते हैं, जिसका वैज्ञानिकों द्वारा अब तक सबसे कम अन्वेषण किया गया है।
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बच्चे और सशस्त्र संघर्ष

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने 'सशस्त्र संघर्ष में बच्चे' विषय पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन के मामलों में 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
    • वर्ष 2024 में कुल 41,370 गंभीर उल्लंघन के मामले दर्ज हुए थे।
  • सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे इजराइल और उसके अधीन आने वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रोंकांगो लोकतांत्रिक गणराज्यसोमालियानाइजीरिया और हैती में पाए गए।
  • 2024 में सबसे आम उल्लंघन थे:
    • बच्चों की हत्या और उन्हें अपंग बनाना,
    • मानवीय सहायता पहुंचने से रोकना,
    • बच्चों की भर्ती और उनका शोषण
  • दोषी पक्ष:
    • गैर-राज्य सशस्त्र समूह (गंभीर उल्लंघनों के 50% मामले इनसे संबंधित)
    • और सरकारी बल, जो बच्चों की हत्या, स्कूलों पर हमले आदि में शामिल पाए गए।
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  • बच्चों के खिलाफ हिंसा
  • सशस्त्र संघर्ष में बच्चे

एक्सिओम मिशन-4

नासा का एक्सिओम मिशन-4 स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्या आने की वजह से फिर से टल गया है।

एक्सिओम मिशन-4 के बारे में

  • यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिनों तक ISS से जुड़े रहेंगे।
    • इसे स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए ड्रैगन अंतरिक्ष यान में परिक्रमा करने वाली प्रयोगशाला के लिए प्रक्षेपित किया जाएगा।
  • इसे नासा और अमेरिकी निजी कंपनियों स्पेसएक्स तथा एक्सिओम स्पेस द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है।
    • एक्सिओम-1 2022 में प्रक्षेपित किया गया पहला पूर्ण निजी मिशन था।
  • यह पहला मौका होगा जब भारत, पोलैंड और हंगरी के लोग अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाएंगे।
    • यह पहली बार होगा जब इन तीन देशों के अंतरिक्ष यात्री एक साथ ISS मिशन में भाग लेंगे।
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  • नासा
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  • स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान

एक्सट्रीम हीलियम (EHe)

शोधकर्ताओं ने A980 नाम के एक रहस्यमयी तारे की खोज की है, जो 'एक्सट्रीम हीलियम (EHe) स्टार्स' नामक एक दुर्लभ वर्ग से संबंधित है।

  • पहली बार इस तारे में जर्मेनियम की मौजूदगी पाई गई है, जो पहले इस प्रकार के किसी भी तारे में नहीं देखी गई थी।

एक्सट्रीम हीलियम (EHe) तारों के बारे में

  • ये कम द्रव्यमान वाले सुपरजाइंट तारे होते हैं। इनमें हाइड्रोजन जो ब्रह्मांड का सबसे आम तत्व है, लगभग नहीं के बराबर होता है।
  • इनके वायुमंडल में मुख्य रूप से हीलियम पाया जाता है, साथ ही कार्बन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है।
  • इन तारों की उत्पत्ति और विकास को लेकर वैज्ञानिकों में अभी भी मतभेद हैं, और इस पर अध्ययन जारी है।
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  • एक्सट्रीम हीलियम

सिकल सेल डिजीज

केंद्रीय सरकार ने विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर सिकल सेल रोग के इलाज के लिए दवा विकसित करने हेतु 10 करोड़ रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है।

सिकल सेल रोग के बारे में

  • यह लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) से संबंधित एक अनुवांशिक रोग है। इसमें हीमोग्लोबिन के असामान्य हो जाने के कारण RBCs कठोर और अर्धचंद्राकार यानी सिकल जैसी संरचना बना लेता है।
  • ये सिकल आकार की कोशिकाएं जल्दी मर जाती हैं, जिससे शरीर में RBCs की लगातार कमी बनी रहती है।
  • कारण: यह एक जन्मजात आनुवंशिक रोग है। जब किसी बच्चे को माता और पिता दोनों से असामान्य हीमोग्लोबिन वाले जीन मिलते हैं, तभी यह रोग होता है।
  • फिलहाल सिकल सेल रोग के इलाज के लिए केवल एक ही दवा उपलब्ध है, जो सिर्फ इसके लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
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  • सिकल सेल
  • लाल रक्त कोशिका (RBCs)

'NAKSHATRA/ नक्षत्र'

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) में अपनी पहली हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सुविधा 'NAKSHATRA/ नक्षत्र' लॉन्च की है।

नक्षत्र के बारे में

  • इसे प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PMABHIM) के तहत विकसित किया गया है।
  • यह एक अत्याधुनिक कंप्यूटिंग क्लस्टर है, जो डेटा संग्रहण क्षमता को बढ़ाता है और जीनोमिक शोध की प्रक्रिया को तेज और कुशल बनाता है।
  • इसका उद्देश्य बीमारियों के खतरों का जल्दी पता लगाना, रोग के फैलाव पर शीघ्र नियंत्रण पाना, तथा AI आधारित टीका और दवा के विकास में सहायता करना है।
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  • नक्षत्र
  • PMABHIM
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