प्रधान मंत्री ने इस उपलब्धि का स्वागत किया तथा भारत के शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
- QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का प्रकाशन लंदन स्थित वैश्विक उच्चतर शिक्षा विश्लेषण फर्म क्वाक्वेरेली साइमंड्स द्वारा हर साल किया जाता है।
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 पर एक नजर
- रैंकिंग में भारत के 54 विश्वविद्यालयों को स्थान मिला है। इससे यह संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और चीन के बाद चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बन गया है।
- रैंकिंग में भारत से IIT दिल्ली ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। 2025 वाले संस्करण में वैश्विक स्तर पर इसकी रैंक 150वीं थी। इस बार इसने 123वां स्थान हासिल किया है।
- 'नौकरी देने वाले' वैश्विक शीर्ष 100 संस्थानों में 5 भारतीय संस्थानों ने जगह बनाई है। यह भारतीय स्नातकों में उद्योग के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।
- ‘साइटेशंस पर फैकल्टी’ के मामले में 8 भारतीय विश्वविद्यालयों को दुनिया की शीर्ष 100 संस्थाओं में जगह मिली हैं।
भारत के अनुसंधान एवं विकास (R&D) इकोसिस्टम के बारे में
- भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स, 2024 में 133 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 39वां स्थान हासिल किया था।
भारत के R&D इकोसिस्टम से संबंधित चिंताएं:
- R&D पर कम खर्च: वर्ष 2020–21 में भारत द्वारा R&D पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का केवल 0.64% व्यय किया गया था।
- निजी क्षेत्रक की सीमित भागीदारी: वर्ष 2020-21 के दौरान निजी क्षेत्रक ने R&D (GERD) पर सकल व्यय में केवल 36.4% का योगदान दिया था।
- अपर्याप्त उद्योग-शैक्षिक जगत अभिसरण: भारतीय प्रयोगशालाओं में विकसित तकनीकों को समाज के हित में लागू करने की प्रक्रिया काफी कमजोर रही है।
- प्रतिभा पलायन: विकसित देशों के बेहतर शोध परिवेश, अवसंरचना एवं संसाधनों की ओर आकर्षण के कारण कई प्रतिभाशाली शोधकर्ता भारत छोड़ देते हैं।
भारत में अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख पहलें
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