केंद्र सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ RDI योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से सनराइज और आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक हित व आत्मनिर्भरता जैसे क्षेत्रकों में निजी क्षेत्रक को अनुसंधान, नवाचार एवं नई तकनीकों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- उद्देश्य: निजी निवेश को बढ़ावा देने हेतु कम/ शून्य ब्याज दरों पर लंबी अवधि के लिए दीर्घकालिक वित्त-पोषण या पुनर्वित्त प्रदान करना।
- मुख्य उद्देश्य
- ऐसी नई और बदलाव लाने वाली तकनीकी परियोजनाओं को वित्त-पोषित करना, जो विकास के अंतिम चरण में हों। साथ ही, जल्द ही व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल के लिए तैयार हों।
- महत्वपूर्ण और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों को हासिल करने में सहायता करना।
- डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना में सहायता करना।
- दो-स्तरीय वित्त-पोषण तंत्र
- विशेष प्रयोजन निधि (SPF): अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) के भीतर स्थापित करना। यह निधियों के संरक्षक के रूप में कार्य करेगी।
- अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को ANRF अधिनियम 2023 के तहत स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देना, विकसित करना व संवर्धन करना है।
- विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) को ANRF में समामेलित कर दिया गया है।
- द्वितीय स्तर के निधि प्रबंधक: SPF से प्राप्त धनराशि को दीर्घकालिक रियायती ऋण या इक्विटी फंडिंग (स्टार्ट-अप के लिए) के रूप में यहां आवंटित किया जाएगा।
- विशेष प्रयोजन निधि (SPF): अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) के भीतर स्थापित करना। यह निधियों के संरक्षक के रूप में कार्य करेगी।
- रणनीतिक दिशा: इसे ANRF का गवर्निंग बोर्ड तय करेगा, जिसकी अध्यक्षता प्रधान मंत्री करेंगे।
- नोडल विभाग: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग।

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