यह एक AI-जनित बॉट है। इसे डायला नाम दिया गया है। यह सभी सरकारी परियोजनाओं के सार्वजनिक टेंडर का प्रबंधन और आवंटन करेगा। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना एवं भ्रष्टाचार को कम करना है।
लोक सेवा और गवर्नेंस में AI की भूमिका
- बेहतर निर्णय लेने में सक्षम: AI में स्वास्थ्य सेवा, शहरी नियोजन, यातायात और महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया से जुड़ी दक्षता में सुधार करने की क्षमता है।
- उदाहरण के लिए- RAHAT/ राहत ऐप जैसे उपकरण आपदाओं के दौरान राहत कार्यों को बेहतर बनाते हैं।
- निष्पक्षता और भ्रष्टाचार विरोधी: स्वचालित सिस्टम कल्याण और सेवा वितरण में व्यक्तिगत पक्षपात को कम करते हैं।
- जनता के साथ संवाद: UMANG/ उमंग जैसे AI चैटबॉट्स और ऐप्स नागरिकों द्वारा की जाने वाली बड़ी संख्या में पूछताछ एवं शिकायत निवारण का प्रबंधन करते हैं।
- समावेशिता और पहुंच: Bhashini/ भाषिणी जैसे प्लेटफॉर्म्स ने सरकारी सेवाओं तक बहुभाषी पहुंच को सक्षम बनाया है।
लोक सेवा में AI से जुड़ी समस्याएं
- लोकतंत्र को कमजोर करना: हालांकि, AI शासन में मदद तो कर सकता है, परन्तु यह चुने हुए अधिकारियों की वैधता और जनता के प्रति उनकी जवाबदेही की जगह नहीं ले सकता।
- सामाजिक न्याय: उदाहरण के लिए- एक AI-संचालित प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली में एक गलत लाभार्थी को चिह्नित करने से कल्याण, स्वास्थ्य सेवा और न्याय तक पहुंच प्रभावित हो सकती है।
- पूर्वाग्रह और भेदभाव: AI प्रशिक्षण डेटा पूर्वाग्रहों को दर्शाता है। उदाहरण के लिए- अमेरिका में प्रेडिक्टिव पुलिसिंग टूल ने अल्पसंख्यकों को असमान रूप से लक्षित किया है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: कई एडवांस्ड AI मॉडल्स ब्लैक बॉक्स (अपारदर्शी तर्क) के रूप में काम करते हैं। इस वजह से हम उसके भीतर की कार्यप्रणाली को ठीक से समझ नहीं पाते।
- अन्य चुनौतियां: AI की गलतियों के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए, इस पर कोई स्पष्ट कानून नहीं है। इसके अलावा, निजता और डेटा संप्रभुता से जुड़ी समस्याएं भी मौजूद हैं आदि।
AI कुशल और समावेशी शासन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है। यद्यपि जवाबदेही और लोक विश्वास सुनिश्चित करने के लिए इसे मजबूत नैतिक एवं लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों के तहत कार्य करना चाहिए।