महिला सशक्तीकरण पर संसदीय एवं विधायी समितियों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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यह सम्मेलन आंध्र प्रदेश के तिरुपति में आयोजित किया गया था और इसमें तिरुपति संकल्प को अपनाया गया। इस संकल्प में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को मुख्यधारा में लाने की बात कही गई है।

तिरुपति संकल्प के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • शासन में लैंगिक दृष्टिकोण को लागू करना; 
  • लैंगिक रूप से संवेदनशील बजट को संस्थागत बनाना;
  • डिजिटल विभाजन को समाप्त करना और STEM क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना आदि।
  • महिलाओं के नेतृत्व में विकास: यह एक नया दृष्टिकोण है, जिसमें महिलाओं को केवल कल्याणकारी योजनाओं का लाभार्थी नहीं, बल्कि सशक्तीकरण हेतु एक सक्रिय कारक के रूप में देखा जाता है।

महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में भारत की प्रगति

  • जमीनी स्तर पर नेतृत्व: स्थानीय सरकारों में 46% निर्वाचित प्रतिनिधि महिलाएं हैं।
  • शिक्षा: भारत में STEMM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा) स्नातकों में से 43% महिलाएं हैं।
  • वित्तीय सशक्तीकरण: प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) और स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत क्रमश: 69% व 84% लाभार्थी महिलाएं हैं, जिससे महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है।

महिलाओं के नेतृत्व में विकास की राह में चुनौतियां

  • राजनीतिक: भारत में केवल 14% सांसद महिलाएं हैं।
  • आर्थिक: विश्व बैंक के अनुसार भारत में STEM स्नातकों में महिलाओं की अधिक संख्या के बावजूद, STEM कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 27% है।
  • सामाजिक एवं सांस्कृतिक मानदंड: पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण, सुरक्षा संबंधी चिंताएं, कम उम्र में विवाह, तथा घरेलू जिम्मेदारियों का असमान विभाजन महिलाओं की सार्वजनिक भागीदारी को सीमित करते हैं।
  • डिजिटल विभाजन: NFHS-5 के अनुसार भारत में 15-49 आयु वर्ग की केवल 33% महिलाएं इंटरनेट का उपयोग करती हैं। पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 57% है। 

महिलाओं के नेतृत्व में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 पारित किया गया है। इसमें लोक सभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है।
  • 73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा स्थानीय सरकारी संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की गई हैं।
  • सुरक्षा-मिशन शक्ति का उद्देश्य पुलिस, चिकित्सा और कानूनी सहायता प्रदान करने वाले वन-स्टॉप सेंटर्स (OSCs) के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाना है।
  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और भेदभाव को समाप्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना के माध्यम से शैक्षिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण किया जा रहा है।
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