एम. विश्वेश्वरैया (1861-1962)
15 सितंबर को एम. विश्वेश्वरैया की जयंती को राष्ट्रीय अभियंता दिवस (National Engineers Day) के रूप में मनाया गया।

एम. विश्वेश्वरैया के बारे में
- जन्म: मुद्देनहल्ली (कर्नाटक) में।
- शिक्षा: कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
प्रमुख योगदान
- इंजीनियरिंग क्षेत्र में योगदान
- उन्होंने पंजारा नदी के एक चैनल में पाइप साइफन का निर्माण किया जिससे जल प्रबंधन में सहायता मिली।
- उन्होंने दक्कन नहरों में ब्लॉक सिस्टम ऑफ इरिगेशन शुरू किया। इससे सिंचाई का लाभ ज्यादा लोगों तक पहुंचा और गंदे पानी की समस्या का भी समाधान हुआ।
- उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए ऑटोमेटिक फ्लडगेट्स सिस्टम विकसित किया।
- वे मैसूर में कृष्णा राज सागर बाँध के निर्माण में मुख्य अभियंता रहे।
- प्रशासक: मैसूर के दीवान के रूप में कार्य किया और मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना की।
- रचनाएं : भारतीय अर्थव्यवस्था पर "भारत का पुनर्निर्माण" और "भारत की नियोजित अर्थव्यवस्था" नामक पुस्तकें प्रकाशित कीं।
- सम्मान: उन्हें 1955 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया।
- मूल्य: जनसेवा के लिए प्रतिबद्धता, नेतृत्व, पेशेवर कौशल, सत्यनिष्ठा, समानता आदि।