29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अवस्थित इन जिलों को प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के तहत विकसित किया जाएगा।
- आकांक्षी कृषि जिलों (AADs) की पहचान तीन प्रमुख कारकों के आधार पर की गई है – निम्न उत्पादकता, कम फसल गहनता (crop intensity) और औसत से कम ऋण पहुंच।
- सरकार ने चयनित जिलों में योजना के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए 100 केंद्रीय नोडल अधिकारी (CNOs) भी नियुक्त किए हैं।
- योजनाओं के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा।
प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) के बारे में
- यह योजना नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य देश के 112 सबसे पिछड़े जिलों का विकास करना है।
- अवधि: 6 वर्ष (2025-26 से प्रारंभ)।
- योजना अभिसरण: यह योजना 100 कृषि जिलों में 11 मंत्रालयों की 36 केंद्रीय योजनाओं का संतृप्ति (पूर्ण कार्यान्वयन) आधारित अभिसरण सुनिश्चित करेगी।
- भौगोलिक समावेशन: प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में चयनित जिलों की संख्या निवल फसली क्षेत्र (Net Cropped Area) और परिचालनात्मक भूमि जोतों (Operational Holdings) के अनुपात पर आधारित होगी।
- हालांकि, प्रत्येक राज्य से कम-से-कम एक जिले का चयन किया जाएगा।
- जिला स्तरीय नियोजन: प्रत्येक चयनित जिले में जिला धन-धान्य कृषि योजना (DDKY) समिति बनाई जाएगी। इसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर या ग्राम पंचायत करेगी।
- यह समिति जिले की कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की योजना तैयार करेगी।
- प्रगति की निगरानी: प्रत्येक धन-धान्य जिले की प्रगति को 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPIs) के माध्यम से केंद्रीय मॉनिटरिंग डैशबोर्ड पर ट्रैक किया जाएगा।
