प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से 100 कृषि जिलों का विकास करना है।
प्रमुख विशेषताऐं
- बजट: इस योजना का परिव्यय प्रति वर्ष 24,000 करोड़ रुपये है।
- अवधि: इसे चालू वित्त वर्ष से शुरू करके छह वर्षों में क्रियान्वित किया जाएगा।
- कार्यान्वयन रणनीति:
- प्रत्येक जिले के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों को शामिल करते हुए एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा।
- योजनाएँ कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला धन धान्य समिति द्वारा तैयार की जाएंगी।
- राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप: फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, आत्मनिर्भरता, प्राकृतिक एवं जैविक खेती का विस्तार।
कार्यान्वयन और निगरानी
- योजनाएं व्यापक परामर्श पर आधारित होंगी, जिसमें फसल पैटर्न और कृषि-जलवायु स्थितियों पर विचार किया जाएगा।
- प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां होंगी।
- क्षेत्रीय दौरे, समीक्षा और निगरानी के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
- प्रत्येक जिला तकनीकी साझेदार के रूप में केंद्रीय और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करेगा।
जिलों के लिए चयन मानदंड
- 100 जिलों का चयन निम्नलिखित आधार पर किया जाएगा:
- कम उत्पादकता
- मध्यम फसल तीव्रता
- औसत से कम क्रेडिट पैरामीटर
- प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला इसमें शामिल किया जाएगा।