प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) को मंजूरी दे दी है, जो 24,000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट के साथ 100 जिलों में कृषि प्रोफाइल को बढ़ाने के लक्ष्य वाली एक महत्वाकांक्षी योजना है।
उद्देश्य और वित्तपोषण
- इस योजना का उद्देश्य है:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना।
- फसल विविधीकरण को अपनाना बढ़ाना।
- पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलोपरांत भंडारण को बढ़ावा देना।
- दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना।
- कृषि, खाद्य, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन, वित्त, ग्रामीण विकास, सहकारिता और सिंचाई सहित 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
जिला चयन मानदंड
- जिलों का चयन निम्नलिखित के आधार पर किया जाएगा:
- कम फसल उत्पादकता.
- मध्यम फसल घनत्व.
- औसत से नीचे ऋण प्रवेश.
- प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला चुना जाएगा।
कार्यान्वयन और निगरानी
- यह कार्यक्रम वित्तीय वर्ष 2025-26 से शुरू होकर छह वर्षों तक चलेगा, जिससे लगभग 17 मिलियन किसान लाभान्वित होंगे।
- मंत्रियों की एक समिति राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना की निगरानी करेगी, जिसे सचिवों का एक पैनल सहयोग देगा।
- कृषि-जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर के अधीन एक समिति द्वारा जिला स्तरीय योजनाएं तैयार की जाएंगी।
- नीति आयोग मार्गदर्शन प्रदान करेगा तथा कृषि विश्वविद्यालय प्रत्येक जिले के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में कार्य करेंगे।
नीति और कार्यान्वयन टिप्पणियाँ
केंद्रीय कृषि मंत्री ने फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने वाली आयात-निर्यात नीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने योजना की सफलता के लिए नकली उर्वरकों और बीजों जैसे मुद्दों के समाधान के महत्व पर प्रकाश डाला।