इसे अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान (ANRF) की कार्यकारी परिषद ने स्वीकृति प्रदान की है। इसका उद्देश्य योजना का सुगम कार्यान्वयन, निजी क्षेत्रक की प्रभावी भागीदारी और दीर्घकालिक नवाचार सुनिश्चित करना है।
- ANRF की स्थापना अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान (ANRF) अधिनियम, 2023 के तहत की गई है।
- यह वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए उच्च-स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने वाले एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है।
- 2008 के अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) का विलय ANRF में कर दिया गया है।
अनुसंधान विकास और नवाचार (RDI) योजना के बारे में
- इसके बारे में: 1 जुलाई, 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत 1 लाख करोड़ रुपये के साथ RDI निधि स्थापित की गई है।
- नोडल विभाग: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)।
- वित्त-पोषण संरचना: दो स्तरीय।
- स्पेशल पर्पज फंड (SPF): इसे अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान (ANRF) के तहत प्रथम स्तर के संरक्षक के रूप में कार्य करने के लिए स्थापित किया जाएगा।
- द्वितीय-स्तरीय निधि प्रबंधक (SLFMs): इसमें वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs), विकास वित्त संस्थान (DIFs), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs), या फोकस्ड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (FROs) जैसे प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDP), जैव-प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC), IIT अनुसंधान पार्क आदि शामिल हैं।
- अपवर्जन: इसके तहत अनुदान और अल्पकालिक ऋण हेतु समर्थन नहीं दिया जाएगा।
- कवरेज: इसके तहत प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (Technology Readiness Levels: TRLs) 4 और उससे ऊपर की रूपांतरणकारी RDI परियोजनाओं के लिए अनुमानित परियोजना लागत का 50% तक वित्त-पोषण किया जा सकता है।
