कुछ लेखकों ने एप्पल पर AI प्रशिक्षण के लिए उनकी पुस्तकों का उपयोग करने को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है।
- AI कंपनियों के खिलाफ दायर किए गए ऐसे मुकदमे, AI के युग में बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के प्रवर्तन में कानूनी और नैतिक चुनौतियां प्रस्तुत करते हैं।
AI-जनित कंटेंट पर IPR प्रवर्तन से संबंधित चुनौतियां:
- AI में लेखों के उपयोग के लिए सहमति का अभाव: मशीन लर्निंग में बिना किसी अनुमति के कॉपीराइट के अधीन आने वाले लेखों का उपयोग करना कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाता है।
- हालांकि, यह AI के विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए AI के विकास एवं डेटा के मुक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।
- लेखक का दर्जा या स्वामित्व: इस बात पर कानूनी बहस चल रही है कि क्या AI को नवाचारों का लेखक या निर्माता माना जा सकता है।
- हाल ही में, दक्षिण अफ्रीका ने DABUS नामक AI टूल को आविष्कारक के रूप में मानकर एक पेटेंट जारी किया है।
- AI सिस्टम की पेटेंट प्राप्त करने की योग्यता: AI-जनित लेख की मौलिकता का पता लगाना मुश्किल है, जैसे कि डीपफेक के मामले में।
- नैतिकता: IPR में AI क्षमताओं को बढ़ावा देना मानव बुद्धि की मौलिकता को चुनौती देता है और मानव की रचनात्मकता के संभावित क्षरण का कारण बन सकता है।
AI डेवलपर्स के हितों को संतुलित करने, एकाधिकार को रोकने और मानव की मूल अभिव्यक्ति की सुरक्षा के लिए IPR कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता है।
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