एकीकृत शीत श्रृंखला एवं मूल्य संवर्धन अवसंरचना (ICCVAI) योजना | Current Affairs | Vision IAS
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ICCVAI योजना के बारे में 

  • यह एक मांग आधारित योजना है। 
  • यह प्रधान मंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) का एक हिस्सा है। 
  • इसका संचालन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) करता है। 
  • इसका लक्ष्य जल्दी खराब होने वाले कृषि व संबद्ध उत्पादों के मामले में हार्वेस्टिंग के बाद के भारी नुकसान को कम करना है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • खेत से उपभोक्ता तक निर्बाध शीत श्रृंखला का निर्माण करना।
  • वैज्ञानिक संरक्षण और दक्ष भंडारण प्रणालियों के माध्यम से हार्वेस्टिंग के बाद के नुकसान को कम करना।
  • प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाकर मूल्य संवर्धन करना।
  • उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित व उच्च गुणवत्ता युक्त खाद्य उत्पादों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करना।

योजना के मुख्य घटक 

  • फार्म-स्तरीय अवसंरचना (प्री-कूलिंग यूनिट्स);
  • प्रसंस्करण केंद्र;
  • वितरण केंद्र (उत्पादों के दक्ष आवागमन के लिए केंद्रीकृत भंडारण, समेकन और प्रेषण केंद्र);
  • प्रशीतित परिवहन आदि।

खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए कौन पात्र हैं? 

  • व्यक्ति (किसानों सहित); तथा
  • संगठन: किसान उत्पादक संगठन (FPOs), किसान उत्पादक कंपनियां (FPCs), गैर-सरकारी संगठन (NGOs), सार्वजनिक क्षेत्रक के उपक्रम (PSUs), फर्म, कंपनियां, निगम, सहकारी समितियां और स्वयं सहायता समूह (SHGs)।

ICCVAI योजना की पूरक प्रमुख सरकारी पहलें 

  • एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH): इसके तहत 5,000 मीट्रिक टन तक की शीत भंडारण क्षमता के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB): इसके तहत 5,000 मीट्रिक टन से 20,000 मीट्रिक टन तक की क्षमता वाली शीत भंडारण सुविधाओं के निर्माण/ आधुनिकीकरण के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
  • कृषि अवसंरचना कोष (AIF): 2 करोड़ रुपये तक के जमानत मुक्त ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत प्रति वर्ष 3% ब्याज छूट भी शामिल है।
  • ऑपरेशन ग्रीन्स योजना: यह फलों, सब्जियों और झींगा उत्पादन में मूल्य स्थिरीकरण एवं हार्वेस्टिंग के बाद नुकसान को कम करने हेतु सहायता प्रदान करती है।
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