सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मनाई गई | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

सरदार वल्लभभाई पटेल (1875-1950) के बारे में

  • इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात में एक किसान परिवार में हुआ था।   
    • उनकी जयंती को अब राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि उन्होंने सैकड़ों रियासतों को एकजुट किया था और अखंड भारत की नींव रखी थी।
  • उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है।
  • वे एक वकील थे, जो बाद में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सार्वजनिक सेवा में शामिल हो गए। 

सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रमुख योगदान

स्वतंत्रता पूर्व:

  • प्रारंभिक गांधीवादी आंदोलनों में नेतृत्व: 1918 में खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद मिल हड़ताल में भाग लेकर वे एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे थे।
  • बारदोली सत्याग्रह (1928): उन्होंने भू-राजस्व में बढ़ोतरी के खिलाफ किसानों द्वारा एक अहिंसक विरोध का नेतृत्व किया था। इस आंदोलन में बारदोली की महिलाओं ने उन्हें "सरदार" की उपाधि से विभूषित किया था।  
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में (कराची अधिवेशन, 1931): उन्होंने मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव पारित किये थे।

स्वतंत्रता के बाद:

  • राजनीतिक एकीकरण के शिल्पकार: उन्होंने कूटनीति के माध्यम से 500 से अधिक रियासतों का तेजी से एकीकरण किया था। उदाहरण: जूनागढ़ (जनमत संग्रह), हैदराबाद (ऑपरेशन पोलो), आदि।
  • आंतरिक स्थिरता: भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में उन्होंने विभाजन के दौरान प्रशासनिक व्यवस्था की स्थिरता को बनाए रखा था। साथ ही, इस दौरान उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा और शरणार्थियों के आगमन के बीच कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया: उन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की थी, जिससे राष्ट्रीय एकता के लिए पेशेवर और तटस्थ प्रशासनिक संरचना तैयार हुई।
  • मूल्य: सत्यनिष्ठा, नेतृत्व, देशभक्ति, साहस, दृढ़ संकल्प, आदि।
Watch Video News Today

Explore Related Content

Discover more articles, videos, and terms related to this topic

Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features