भारतीय शोधकर्ताओं ने रक्त में ऐसे बायोकेमिकल मार्कर्स की पहचान की है, जो मधुमेह रोगियों में गुर्दे की जटिलताओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
बायोकेमिकल मार्कर्स के बारे में
- अर्थ: ये सूक्ष्म अणु (जैसे- शर्करा, अमीनो अम्ल व लिपिड) होते हैं। ये शरीर में चयापचय प्रक्रियाओं के दौरान उत्पन्न होते हैं और चिकित्सकों द्वारा रोग के जोखिमों का पता लगाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- उदाहरण के लिए- कोलेस्ट्रॉल परीक्षण का उपयोग हृदय रोग के जोखिम का आकलन करने के लिए किया जाता है।
- गुर्दे की जटिलताओं की पहचान करने वाले घटक: एराबिटॉल, मायो-इनोसिटोल, राइबोथाइमिडीन, 2PY नामक एक विष जैसा यौगिक आदि।
भारत की पोषण सुरक्षा के संदर्भ में, हाल ही में सुर्ख़ियों में कार्यात्मक खाद्य पदार्थों (Functional foods) और स्मार्ट प्रोटीन का उल्लेख किया गया है।
कार्यात्मक खाद्य पदार्थ क्या हैं?
- ये ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो बुनियादी पोषण से परे स्वास्थ्य लाभ देते हैं। ये लाभ या तो ये प्राकृतिक रूप से या न्यूट्रीजीनोमिक्स, बायो-फोर्टिफिकेशन, 3डी फूड प्रिंटिंग और बायोप्रोसेसिंग जैसी तकनीकों के माध्यम से प्रदान करते हैं।
- उदाहरण: विटामिन युक्त चावल, ओमेगा-3-फोर्टिफाइड दूध, प्रोबायोटिक योगर्ट।
स्मार्ट प्रोटीन क्या हैं?
- ये जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्राप्त प्रोटीन हैं। इनका उद्देश्य पारंपरिक प्रोटीन उत्पादन पर निर्भरता कम करना है।
- इनमें शामिल हैं: पादप-आधारित प्रोटीन (पशु मांस और डेयरी उत्पादों की नकल करने के लिए), किण्वन-व्युत्पन्न प्रोटीन, संवर्धित मांस आदि।
हाल ही में, डीएनए की द्वि-कुंडलित संरचना की महत्वपूर्ण खोज के सह-श्रेय प्राप्त नोबेल पुरस्कार विजेता जेम्स वाटसन का निधन हो गया।

द्वि-कुंडलित संरचना के बारे में
- द्वि-कुंडलित शब्द का प्रयोग हमारे आनुवंशिक अणु यानी डीएनए के आकार का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
- इसमें डीएनए के दो रज्जुक (strands) होते हैं, जो एक दूसरे के चारों ओर मुड़े होते हैं और बीच में हाइड्रोजन बंध द्वारा जुड़े होते हैं।
- हाइड्रोजन बंध विशेष रूप से विपरीत डीएनए रज्जुकों पर स्थित पूरक न्यूक्लियोटाइड्स के नाइट्रोजन क्षारों (एडेनिन, ग्वानिन, साइटोसिन और थायमिन) के बीच बनते हैं।
Article Sources
1 sourceआईएनएस सह्याद्रि मालाबार नौसैनिक अभ्यास के 29वें संस्करण में भाग ले रहा है। यह अभ्यास पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी सामरिक सैन्य अड्डे गुआम में आयोजित किया जा रहा है।
मालाबार अभ्यास के बारे में
- उद्देश्य: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा को मजबूत करना।
- भाग लेने वाले देश: भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका।
सरकार एक सतत विमानन ईंधन नीति की घोषणा करने जा रही है।
सतत विमानन ईंधन (SAF) के बारे में
- अर्थ: यह गैर-पेट्रोलियम फीडस्टॉक्स से बना एक वैकल्पिक ईंधन है, जो हवाई परिवहन से होने वाले उत्सर्जन को कम करता है।
- यह पारंपरिक ईंधनों की तुलना में कार्बन उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम करने में मदद कर सकता है।
- स्रोत: अपशिष्ट वसा, तेल व ग्रीस, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, कृषि एवं वानिकी अवशेष, आदि।
- लाभ: इंजन और अवसंरचना की अनुकूलता; पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में कम उत्सर्जन, आदि।
ओज़ोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों की 37वीं बैठक (MOP-37) संपन्न हुई।
- इस बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर प्रकाश डाला गया-
- हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs) उत्सर्जन में रिपोर्ट किए गए और मापन किए गए डेटा के बीच विसंगति;
- कई क्षेत्रों में वायुमंडलीय निगरानी स्टेशनों की कमी आदि।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के बारे में
- हस्ताक्षरित: 1987 में।
- यह ओज़ोन क्षयकारी पदार्थों (Ozone Depleting Substances - ODS) के उत्पादन और उपयोग को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक, कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है।
- इसे वियना अभिसमय के तहत लागू किया गया है।
- वियना अभिसमय को 1985 में अपनाया गया था।
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन: इसे 2016 में हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs) के उत्पादन व उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए अपनाया गया था। HFCs एक ग्रीनहाउस गैस है, जिसका उपयोग ODS के विकल्प के रूप में किया जाता है। HFCs ओज़ोन क्षयकारी पदार्थ नहीं है।