इस अध्ययन में स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करके रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर की मरम्मत के लिए एक आशाजनक नई विधि की पेशकश की गई है। इस अध्ययन के अनुसार, वसा ऊतक (adipose tissue) से निकाली गई स्टेम कोशिकाएं मनुष्यों में देखे जाने वाले ऑस्टियोपोरोसिस-संबंधी फ्रैक्चर को ठीक करने में मदद कर सकती हैं।
- वसा ऊतक को शरीर की चर्बी भी कहते हैं।
- ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो हड्डियों को कमजोर और नाजुक बना देती है।
स्टेम कोशिकाओं के बारे में
- अर्थ: ये अविशेषिकृत (unspecialized) कोशिकाएं होती हैं। ये शरीर के विकास के साथ नई कोशिकाएं प्रदान करती रहती हैं। ये नई परिपक्व कोशिकाओं के निर्माण के लिए बार-बार विभाजित हो सकती हैं। ये नवीन परिपक्व कोशिकाएं विशेष कार्यों को संपन्न कर सकती हैं।
- मनुष्यों में, इन्हें प्रारंभिक भ्रूण के आंतरिक कोशिका द्रव्यमान (inner cell mass); भ्रूण, गर्भनाल व प्लेसेंटा के कुछ ऊतकों में; और कई वयस्क अंगों में पहचाना गया है।
प्रमुख प्रकार:
- प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएं (Pluripotent stem cells): इनमें भ्रूणीय स्टेम कोशिकाएं और प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएं शामिल हैं।
- गैर-भ्रूणीय/ कायिक/ वयस्क स्टेम कोशिकाएं (Non-embryonic/ Somatic/Adult stem cells)।
- प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएं: इनमें वयस्क शरीर की सभी कोशिकाओं में विभेदित होने की क्षमता होती है।
- भ्रूणीय स्टेम कोशिकाएं (ESCs): ये भ्रूण में (निषेचन के 3 से 5 दिन बाद और प्रत्यारोपण से पहले) पाई जाती हैं। इनमें आंतरिक कोशिका द्रव्यमान होता है, जो मानव शरीर के सभी विशिष्ट ऊतकों को उत्पन्न करने में सक्षम होता है।
- प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएं (iPSCs): ये कायिक कोशिकाओं (उदाहरण के लिए- त्वचा कोशिका) में भ्रूण जीन को डालकर बनाई जाती हैं। इससे ये वापस "स्टेम कोशिका" जैसी अवस्था में बदल जाती हैं।
- वयस्क स्टेम कोशिकाएं (ASCs): ये ऊतक या अंग में पाई जाने वाली अविभेदित कोशिकाएं हैं और उस ऊतक या अंग के विशिष्ट कोशिका प्रकारों को उत्पन्न करने के लिए विभेदित हो सकती हैं।
- प्रमुख प्रकारों में शामिल हैं: तंत्रिका स्टेम कोशिकाएं; त्वचा स्टेम कोशिकाएं आदि।
- प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएं: इनमें वयस्क शरीर की सभी कोशिकाओं में विभेदित होने की क्षमता होती है।
