यूनिसेफ ने “द स्टेट ऑफ़ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन (SoWC) 2025” रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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रिपोर्ट में बताया गया है कि 19% से अधिक बच्चे अत्यधिक गरीबी का सामना कर रहे हैं, तथा मुख्य रूप से उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता के मामले में उन्हें काफी अभाव का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके भविष्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

In Summary

“SoWC 2025: बाल निर्धनता की समाप्ति – हमारी साझा आवश्यकता” शीर्षक वाली यह रिपोर्ट छह श्रेणियों में वंचनाओं (अभावों) को मापकर बहुआयामी निर्धनता का आकलन करती है। 

  • ये छह श्रेणियां हैं; शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पोषण, स्वच्छता और जल आपूर्ति। 
  • निर्धनता का आकलन करने के लिए 130 से अधिक निम्न और मध्यम-आय वाले देशों (LMICs) के डेटा का उपयोग किया गया है।   

SoWC 2025 के मुख्य निष्कर्ष  

  • मौद्रिक निर्धनता: विश्व के 19% से अधिक बच्चे चरम मौद्रिक-गरीबी में जीवन जी रहे हैं। ये 3 अमेरिकी डॉलर दैनिक से भी कम में गुजारा करते हैं।  
  • वंचना (अभाव)निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में औसतन 5 में से 1 से अधिक बच्चे स्वास्थ्य, विकास और सेहत के लिए ज़रूरी न्यूनतम दो श्रेणियों में गंभीर वंचना का सामना करते हैं। 
    • भारत में लगभग 20.6 करोड़ बच्चे कम से कम एक वंचना और लगभग 6.2 करोड़ बच्चे दो या उससे अधिक श्रेणियों में वंचनाओं का सामना करते हैं।   
    • स्वच्छता (सैनिटेशन) सबसे व्यापक गंभीर वंचना है। इससे बच्चों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।  
  • भौगोलिक क्षेत्रों में प्रसारसब-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में बच्चों में बहुआयामी निर्धनता की दर सबसे अधिक है।
  • निर्धनता बढ़ाने वाले कारकसंघर्ष/गृहयुद्ध, जलवायु और पर्यावरणीय संकट, जनसांख्यिकीय परिवर्तन, राष्ट्रीय ऋण बोझ में वृद्धि, प्रौद्योगिकी के उपयोग के स्तर पर असमानताएँ और आधिकारिक विकास सहायता (ODA) में अभूतपूर्व कटौतियाँ।  
  • प्रभाव: निर्धनता  बच्चों के स्वास्थ्य, विकास और सीखने की क्षमता पर गहरा प्रभाव डालती है। इसके परिणामस्वरूप उनके लिए रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं, उनकी जीवन प्रत्याशा कम हो जाती है तथा उनमें अवसाद व चिंता की दरें बढ़ जाती है।
    • सामाजिक स्तर पर देखें तो निर्धनता आर्थिक समृद्धि की संभावनाओं को कमजोर करती है तथा हिंसा और उग्रवाद के बढ़ने के लिए अनुकूल दशाएं उत्पन्न करती है।  
  • बाल निर्धनता समाप्त करने के लिए पांच नीतिगत कदम
  • बाल निर्धनता समाप्ति को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनानी चाहिए, संसाधनों को जुटाना चाहिए और विभिन्न क्षेत्रों में समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
  • आर्थिक नीतियों और बजट में बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखा जाना चाहिए तथा बाल-अनुकूल बजटिंग को अपनाना चाहिए।
  • सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के साथ-साथ परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करना चाहिए। 
    • ब्राजील, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका में लक्षित नकद अंतरण (Cash transfer) कार्यक्रम अत्यधिक प्रभावी साबित हुए हैं।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य-देखभाल , जलापूर्ति, स्वच्छता, पोषण और आवास जैसी आवश्यक लोक-सेवाओं की सार्वभौमिक (सभी को) उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
  • माता-पिता और देखभालकर्ताओं की आर्थिक सुरक्षा सुदृढ़ करने की जरूरत है। इसके लिए सम्मानजनक कार्य (रोजगार) को बढ़ावा देना, न्यूनतम मजदूरी लागू करना, औपचारिक क्षेत्रक का विस्तार करना और सामाजिक सुरक्षा योजना का कवरेज बढ़ाना जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
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