प्रचार और व्यक्तित्व अधिकारों का संरक्षण
बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर वेबसाइटों और प्लेटफ़ॉर्म द्वारा उनकी पहचान के दुरुपयोग से सुरक्षा की मांग की है। उनकी चिंता उनकी पहचान का इस्तेमाल करके, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से छेड़छाड़ किए गए वीडियो और नकली तस्वीरों के ज़रिए, नकली या यौन सामग्री बनाने को लेकर है।
व्यक्तित्व अधिकार
व्यक्तित्व अधिकार कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हुए किसी व्यक्ति की पहचान के अनधिकृत उपयोग को रोकते हैं। ये अधिकार सार्वजनिक हस्तियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये उन्हें यह नियंत्रित करने की अनुमति देते हैं कि उनके नाम, छवि, आवाज़ या विशिष्ट गुणों का व्यावसायिक या सार्वजनिक रूप से कैसे उपयोग किया जाए।
- प्रचार का अधिकार: यह किसी व्यक्ति के गुणों के अनधिकृत व्यावसायिक दोहन को रोकता है, जैसे कि किसी सेलिब्रिटी के चेहरे का बिना अनुमोदन के विज्ञापनों में उपयोग करना।
- गोपनीयता का अधिकार: यह अधिकार व्यक्तियों को उनके निजी जीवन या व्यक्तित्व के अवांछित प्रकटीकरण या गलत प्रस्तुति से बचाता है।
व्यक्तित्व अधिकारों का महत्व
मशहूर हस्तियों के लिए, उनकी सहमति के बिना वित्तीय लाभ के लिए उनकी छवि का दुरुपयोग एक बड़ा जोखिम है। व्यक्तित्व अधिकार उन्हें अपनी पहचान के प्रतिनिधित्व पर नियंत्रण बनाए रखने और डीपफेक, नकली विज्ञापन या अंतरंग छेड़छाड़ की गई सामग्री जैसे दुरुपयोग से होने वाले नुकसान को रोकने की अनुमति देते हैं।
भारत में व्यक्तित्व अधिकार
भारत में व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं है। हालाँकि, संविधान के अनुच्छेद 21 और कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत निजता और संपत्ति के अधिकारों पर भरोसा करते हुए, पूर्व उदाहरणों के माध्यम से सुरक्षा प्रदान की जाती है। अदालतों ने किसी सेलिब्रिटी के नाम, आवाज़ या छवि के अनधिकृत उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाए हैं।
कानूनी सुरक्षा की मांग कर रहे सेलिब्रिटी
अभिषेक बच्चन उन कई सार्वजनिक हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कानूनी सुरक्षा की मांग की है:
- ऐश्वर्या राय बच्चन (2025): एक कंपनी द्वारा उन्हें अपना अध्यक्ष बताते हुए उनकी छवि का दुरुपयोग किए जाने के बाद कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।
- जैकी श्रॉफ (2024): अदालत के आदेश से उनका मजाक उड़ाने वाले वीडियो हटा दिए गए।
- रजत शर्मा (2024): डीपफेक हेरफेर और फर्जी समर्थन के खिलाफ सुरक्षा प्राप्त की।
- मोहन बाबू (2024): दिल्ली उच्च न्यायालय ने AI चैटबॉट्स और प्लेटफार्मों द्वारा उनके नाम या आवाज के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी।
- अनिल कपूर (2023): अपने संवादों और कैचफ्रेज़ के दुरुपयोग के खिलाफ सुरक्षा प्राप्त की।
- अमिताभ बच्चन (2022): अदालत ने उनके नाम, आवाज और छवि के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी।
- रजनीकांत (2015): मद्रास उच्च न्यायालय ने एक फिल्म को बिना अनुमति के उनके नाम और शैली का उपयोग करने से रोक दिया।