पटाखों पर प्रतिबंध में सर्वोच्च न्यायालय की छूट
दीपावली के अवसर पर, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 18 से 20 अक्टूबर के लिए विशेष रूप से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध में ढील दी है। इस निर्णय के तहत राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों (green fireworks) की बिक्री की अनुमति दी गई है।
विनियमन विवरण
- आतिशबाजी का प्रयोग 19 और 20 अक्टूबर को विशिष्ट समय के बीच प्रतिबंधित रहेगा: सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक
- इस निर्णय को एक "परीक्षण मामले" के रूप में प्रस्तुत किया गया है ताकि प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों के साथ एक विनियमित ढाँचे की व्यवहार्यता का मूल्यांकन किया जा सके।
- यह छूट अस्थायी है, और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 14 से 25 अक्टूबर तक वायु और जल की गुणवत्ता की निगरानी करेंगे।
तर्क और न्यायालय की टिप्पणियाँ
- न्यायालय ने संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया तथा स्वीकार किया कि पूर्ण प्रतिबंध प्रतिकूल परिणाम देने वाले हैं तथा इससे हानिकारक पटाखों की तस्करी को बढ़ावा मिलता है।
- अपने 2018 के फैसले का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा कि हरित आतिशबाजी से उत्सर्जन में काफी कमी आई है।
- दिल्ली सरकार द्वारा आतिशबाजी पर 2024 तक लगाए गए प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि अब सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं।
सरकार का पक्ष और प्रवर्तन योजना
- सॉलिसिटर-जनरल ने दीपावली, क्रिसमस और नव वर्ष की पूर्व संध्या जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान प्रतिबंध हटाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- प्रवर्तन योजना में केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों को बिक्री की अनुमति देना और फ्लिपकार्ट तथा अमेज़ॅन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर ऑनलाइन बिक्री को प्रतिबंधित करना शामिल है।
नियामक ढांचा और अनुपालन
- पटाखे केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों द्वारा ही बेचे जा सकते हैं और उन्हें NEERI-प्रमाणित तथा PESO-लाइसेंस प्राप्त होना चाहिए।
- लड़ियों (series crackers) के निर्माण और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्दिष्ट बिक्री स्थलों पर गश्त करेंगी, जिसमें उत्पादों के सत्यापन के लिए QR कोड का उपयोग किया जाएगा।
- अनुपालन न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा तथा PESO या NEERI के साथ लाइसेंस या पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
विशेषज्ञ की राय
- विशेषज्ञों ने त्योहारी परंपराओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य को संतुलित करने के प्रयास की सराहना की है, लेकिन हरित पटाखों को पारंपरिक पटाखों से अलग पहचानने में आने वाली चुनौतियों का हवाला दिया है।
- दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में प्रगति में संभावित गिरावट को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं।
- वास्तविक कम उत्सर्जन वाले विकल्प के रूप में हरित आतिशबाजी की प्रभावकारिता के बारे में संदेह है।
चुनौतियाँ और चिंताएँ
- न्याय मित्र (Amicus curiae) ने प्रवर्तन संबंधी मुद्दों पर प्रकाश डाला, यह इंगित करते हुए कि PESO के पास दिल्ली में परीक्षण सुविधाओं का अभाव है।
- आतिशबाजी के लिए QR कोड के दुरुपयोग और अपर्याप्त अनुपालन तंत्र की ओर ध्यान दिलाया गया।
हालिया संदर्भ
हरित आतिशबाजी की अनुमति देने का निर्णय पिछले फैसले को पलट देता है, जिसमें अप्रभावी अस्थायी प्रतिबंधों का हवाला देते हुए दिल्ली में पूर्ण प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था।