भारत का AI निवेश परिदृश्य
भारत वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश प्रतिबद्धताओं के साथ तेज़ी से प्रगति कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 2025 तक, AI में भारत का संचयी और नया निवेश 20 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।
निजी क्षेत्र के निवेश
- 2013 से 2024 तक भारत का कृत्रिम बुद्धिमत्ता में संचयी निजी निवेश 11.1 अरब डॉलर तक पहुँच गया। सरकारी निवेश सहित, यह कुल 12.3 अरब डॉलर है।
- भारत का निजी क्षेत्रक का निवेश कनाडा और इजराइल (लगभग 15 बिलियन डॉलर) के बराबर है तथा फ्रांस (11 बिलियन डॉलर), दक्षिण कोरिया (8.96 बिलियन डॉलर), जापान (5.9 बिलियन डॉलर) और ऑस्ट्रेलिया (3.88 बिलियन डॉलर) जैसे देशों से आगे है।
प्रमुख निवेश घोषणाएँ
- गूगल ने विशाखापत्तनम में AI डेटा हब स्थापित करने के लिए पांच वर्षों में 15 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है - जो अमेरिका के बाहर उसका सबसे बड़ा निवेश होगा।
- टीसीएस सात वर्षों के भीतर AI डेटा सेंटरों में 5-7 बिलियन डॉलर का निवेश करने वाली है।
- रिलायंस के पास AI में महत्वपूर्ण निवेश की योजना है, हालांकि इसका खुलासा नहीं किया गया है।
- AWS ने 2030 तक भारत में क्लाउड अवसंरचना के लिए 12.7 बिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें AI-तैयार संसाधन भी शामिल हैं।
- माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में AI निवेश के लिए 3 बिलियन डॉलर देने का वादा किया है।
निजी इक्विटी और सरकारी सहायता
- AI स्टार्टअप्स में निजी इक्विटी निवेश अक्टूबर 2025 तक 5.3 बिलियन डॉलर को पार कर गया है, जिसमें जनरेटिव AI में 2.37 बिलियन डॉलर शामिल हैं।
- भारत सरकार ने निजी क्षेत्र की AI GPU अवसंरचना और LLM कंपनियों को समर्थन देने के लिए 1.2 बिलियन डॉलर आवंटित किए हैं।
वैश्विक संदर्भ
- अमेरिका निजी क्षेत्र के AI निवेश में 471 बिलियन डॉलर तथा सरकारी और सार्वजनिक-निजी पहलों में 175 बिलियन डॉलर के साथ विश्व स्तर पर अग्रणी है।
- चीन में 119 बिलियन डॉलर का निजी निवेश तथा 57.8 बिलियन डॉलर का सरकारी वित्तपोषण है।
- सऊदी अरब का लक्ष्य मध्य पूर्व AI केंद्र बनना है, जिसके लिए सरकार ने 100 बिलियन डॉलर का वित्त पोषण देने का वादा किया है।