दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा संशोधित साइबर सुरक्षा नियम
दूरसंचार विभाग (DoT) ने फ़िशिंग जैसी साइबर धोखाधड़ी में वृद्धि को रोकने के उद्देश्य से नए साइबर सुरक्षा नियम लागू किए हैं। संभावित गोपनीयता संबंधी चिंताओं को लेकर तकनीकी उद्योग के विरोध के बावजूद, DoT के अधिकारी इन नियमों को आवश्यक मानते हैं।
संशोधित नियमों के मुख्य बिंदु
- आवेदन का दायरा:
- ये नियम उन दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य हैं जो दूरसंचार विभाग के लाइसेंसधारी हैं।
- बैंक और वित्तीय संस्थानों सहित अन्य संस्थाएं स्वेच्छा से इन नियमों को अपना सकती हैं।
- ई-कॉमर्स और खाद्य वितरण प्लेटफॉर्म जैसे व्यवसाय इन नियमों के अंतर्गत विनियमित नहीं हैं, लेकिन वे स्वेच्छा से इसमें भाग ले सकते हैं।
- मोबाइल नंबर सत्यापन (MNV) प्लेटफ़ॉर्म:
- दूरसंचार विभाग एक MNV प्लेटफॉर्म स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो KYC विवरणों की जांच करके यह सत्यापित करेगा कि मोबाइल नंबर सही व्यक्ति का है या नहीं।
- यह प्लेटफॉर्म बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नए खाते खोलते समय ग्राहक के विवरण को सत्यापित करने की अनुमति देगा, जिससे साइबर धोखाधड़ी कम होगी।
- दूरसंचार कम्पनियों को इस प्लेटफॉर्म पर आना होगा, जबकि अन्य व्यवसाय भी लाभप्रद होने पर इसमें शामिल हो सकते हैं।
- सुरक्षा की सोच:
- गोपनीयता कार्यकर्ताओं सहित कुछ हितधारकों का तर्क है कि ये नियम सरकार को व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच प्रदान करके उपभोक्ता गोपनीयता से समझौता कर सकते हैं।
- संसदीय समिति से समर्थन:
- गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति मोबाइल नंबरों के धोखाधड़ीपूर्ण उपयोग को रोकने के लिए MNV प्लेटफॉर्म को राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए समर्थन देती है।
- फ़ोन निर्माताओं के लिए निर्देश:
- सरकार फोन निर्माताओं को अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) नंबर वाले छेड़छाड़ किए गए उपकरणों से निपटने में सहायता करने का निर्देश दे सकती है।
- निर्माताओं से कहा जा सकता है कि वे पहले से उपयोग किए जा चुके IMEI को नए दूरसंचार उपकरणों में न डालें।
इन संशोधित नियमों का उद्देश्य सटीक पहचान सत्यापन सुनिश्चित करके साइबर सुरक्षा को बढ़ाना है, साथ ही गोपनीयता संबंधी चिंताओं और नियामक आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाने का भी प्रयास करना है।