आवारा पशुओं पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश
सर्वोच्च न्यायालय ने राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर आवारा पशुओं के मुद्दे पर राज्य सरकारों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को निर्देश जारी किया है।
प्रमुख निर्देश
- राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों सहित आवारा पशुओं को हटाना।
- इन पशुओं के पुनर्वास के लिए आश्रयों का तत्काल प्रावधान किया जाना चाहिए।
- आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों में बाड़ लगाना।
पृष्ठभूमि और कार्यान्वयन
- न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अगस्त में जारी निर्देशों की पुष्टि की, जो सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने से संबंधित थे।
- सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू कर दिया है।
निष्पादन और निगरानी
- लोक निर्माण विभाग, नगरपालिका, सड़क एवं परिवहन प्राधिकरण जैसे प्राधिकरण इन निर्देशों को लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं।
- राजमार्गों पर आवारा पशुओं की निगरानी और सूचना देने के लिए समर्पित राजमार्ग गश्ती दल का गठन किया गया है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर होना आवश्यक है।
- सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इन उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है।
अतिरिक्त जरूरतें
- सरकारी और निजी दोनों शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों को बाड़ से घेर दिया जाना चाहिए।
- राज्यों को दो सप्ताह के भीतर बाड़ लगाने की आवश्यकता वाले संस्थानों की पहचान करनी होगी।