लद्दाख में वित्तीय शक्तियों में परिवर्तन
गृह मंत्रालय (MHA) ने हाल ही में लद्दाख में वित्तीय प्रशासन संरचना में संशोधन किया है, जिससे क्षेत्र के उपराज्यपाल की भूमिका और अधिकार प्रभावित हुए हैं।
प्रमुख परिवर्तन
- मंजूरी देने वाला अधिकारी:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय अब सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल सहित 100 करोड़ रुपये तक की योजनाओं/ परियोजनाओं को मंजूरी देगा।
- 100 करोड़ रुपये तक के प्रशासनिक और व्यय निर्णयों को मंजूरी देने की उपराज्यपाल की शक्ति अब गृह मंत्रालय को हस्तांतरित कर दी गई है।
- प्रशासनिक सचिवों को पहले 20 करोड़ रुपये तक की स्वायत्तता प्राप्त थी, जो अब गृह मंत्रालय के अधीन है।
- परिचालन संबंधी प्रभाव:
- लेह और कारगिल में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों के सीईओ के रूप में भी कार्यरत मुख्य अभियंता, विभाग प्रमुख और उपायुक्त के पास अब 3 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की व्यक्तिगत परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार नहीं है।
स्थानीय प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
- शक्तिहीनता की चिंता: स्थानीय नेताओं का मानना है कि यह कदम लद्दाख क्षेत्र को और अधिक शक्तिहीन कर देगा तथा विकास को धीमा कर सकता है।
- आलोचना: शीर्ष निकाय लेह के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने कहा कि दिल्ली से लिए गए निर्णय क्षेत्रीय आवश्यकताओं से अलग हैं और इससे अप्रभावी प्रशासन को बढ़ावा मिलेगा।
- पुनर्मूल्यांकन की मांग: कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के सज्जाद कारगिली ने आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया।