भारत की नौसैनिक प्रगति और सामरिक विकास
परमाणु पनडुब्बी प्रेरण
भारत अपनी तीसरी परमाणु पनडुब्बी, INS अरिधमान, का जलावतरण करने के लिए तैयार है, जो परीक्षण के अंतिम चरण में है। इस कदम से भारत के अरिहंत श्रेणी की परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों (SSBN) के परिचालन बेड़े की संख्या बढ़कर तीन हो जाएगी, जिससे उसकी समुद्र-आधारित परमाणु प्रतिरोधक क्षमता और भी बढ़ जाएगी।
- INS अरिघाट को अगस्त 2024 में कमीशन किया जाएगा।
- INS अरिधमान के 2026-27 के आसपास चालू होने की उम्मीद है, जो K-4 पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम होगा।
परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बी (SSN) कार्यक्रम
भारत अपनी स्वयं की पनडुब्बियां तैयार होने तक क्षमता अंतराल को पाटने के लिए परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बी कार्यक्रम पर काम कर रहा है।
- दो SSN का स्वदेशी निर्माण करने की योजना है।
- रूस से पट्टे पर एक SSN का अधिग्रहण, संभवतः 2027-28 तक पूरा हो जाएगा।
विमान वाहक रणनीति
परिचालन चुनौतियों के बावजूद, नौसेना एक मजबूत वाहक युद्ध समूह रणनीति बनाए रखने के लिए तीसरे विमान वाहक की वकालत करती है।
- वर्तमान वाहक: INS विक्रमादित्य (2013) और INS विक्रांत (2022)।
- लक्ष्य: पूर्वी, पश्चिमी समुद्री तटों और आपात स्थितियों के लिए तीन-वाहक बल।
भू-राजनीतिक और रणनीतिक बदलाव
नौसेना देश-विशिष्ट खतरों के बजाय राष्ट्रीय समुद्री हितों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, तथा उसका प्राथमिक ध्यान हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र तक फैले हितों पर है।
- दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रों में नियमित पारगमन और संलग्नता।
परिचालन उपलब्धियाँ
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, अरब सागर में वाहक युद्ध समूह की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तान की नौसैनिक गतिविधियों पर रणनीतिक रूप से प्रभाव डाला।
महिला पनडुब्बी चालकों को शामिल करना
नौसेना पनडुब्बी शाखा में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिससे जेंडर-तटस्थ बल अपनाया जा सके।